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MP Election 2023: भोपाल में अपना दबदबा बरकरार रखने की कोशिश कर रही BJP, कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

MP Election 2023: बीजेपी ने 2018 में जिले में चार सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने BJP से दो सीट भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम छीनकर तीन सीट पर जीत हासिल की थी। शहर में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। ये 2018 में दो मुस्लिम विधायकों को विधानसभा में भेजने वाला मध्य प्रदेश का एकमात्र शहर था। इस चुनाव में भोपाल उत्तर से आरिफ अकील और भोपाल मध्य से आरिफ मसूद ने चुनाव जीता था

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 04, 2023 पर 3:58 PM
MP Election 2023: भोपाल में अपना दबदबा बरकरार रखने की कोशिश कर रही BJP, कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
MP Election 2023: भोपाल में अपना दबदबा बरकरार रखने की कोशिश कर रही BJP, कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

MP Election 2023: भोपाल (Bhopal) पिछले तीन दशक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गढ़ में तब्दील हो गया है, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) के दौरान सत्तारूढ़ दल इसे हल्के में नहीं ले सकता, क्योंकि कांग्रेस (Congress) ने पिछली बार राज्य की राजधानी में सात में से तीन सीट जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था। भोपाल जिले में सात विधानसभा सीट हैं, जिनमें से छह शहर के भीतर हैं। भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और नरेला शहरी सीट हैं, हुज़ूर और गोविंदपुरा को अर्ध-शहरी और बैरसिया को ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है।

बीजेपी ने 2018 में जिले में चार सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने BJP से दो सीट भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम छीनकर तीन सीट पर जीत हासिल की थी। शहर में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। ये 2018 में दो मुस्लिम विधायकों को विधानसभा में भेजने वाला मध्य प्रदेश का एकमात्र शहर था। इस चुनाव में भोपाल उत्तर से आरिफ अकील और भोपाल मध्य से आरिफ मसूद ने चुनाव जीता था।

कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले भोपाल उत्तर में इस बार दिलचस्प सियासी जंग देखने को मिल रही है। ये 1990 के बाद पहला चुनाव है, जब छह बार के विधायक आरिफ अकील स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे और कांग्रेस ने उनकी जगह उनके बेटे आतिफ अकील को मैदान में उतारा है।

आरिफ यहां केवल एक बार 1993 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बीजेपी उम्मीदवार से हारे थे, लेकिन उनके बेटे के लिए जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि उनके चाचा-आरिफ के भाई-आमिर अकील और कांग्रेस के एक और बागी नासिर इस्लाम भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

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