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MP Election 2023 : कांग्रेस के राम-लक्षमण की लड़ाई भाजपा के शिवभक्त के साथ, किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा?

ज्योदिरादित्य सिंधिया ने कुछ साल पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। संधिया के करीबी माने जाने वाले 22 विधायकों ने कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया था। इसे छोटे राजा की बदली की कार्रवाई कहा गया था। सिंधिया को एमपी छोटे राजा कहा जाता है। अब बदला लेने का समय कांग्रेस का है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 18, 2023 पर 6:13 PM
MP Election 2023 : कांग्रेस के राम-लक्षमण की लड़ाई भाजपा के शिवभक्त के साथ, किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा?
कमलनाथ और सिंह के बीच की रस्साकशी ने भाजपा को निशाना साधने के मौके दिए हैं। विडंबना यह है कि नाथ और सिंह ने कभी एकसाथ सरकार में काम नहीं किया है। दोनों नेताओं के बीच जो एक कॉमन बात दिखती है वह यह है कि दोनों का नाता मध्य प्रदेश से है।

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं कमलनाथ (Kamalnath) और दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के बीच की रस्साकशी पर मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति जिसकी सबसे करीबी नजर है वह ज्योतिरादित्य सिंधिया। सिंधिया ने कई बार कहा है कि कमलनाथ और सिंह की वजह से उन्हें पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। सिंधिया ने कुछ साल पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। संधिया के करीबी माने जाने वाले 22 विधायकों ने कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया था। इसे छोटे राजा की बदली की कार्रवाई कहा गया था। सिंधिया को एमपी छोटे राजा कहा जाता है। अब बदला लेने का समय कांग्रेस का है। क्रांग्रेस के नेता सिंधिया और उनके करीब विधायकों को विधानसभा चुनावों में पटखनी देने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। भोपाल में पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर पार्टी की तरफ से 11 वचन या वादे भी जारी किए गए। लेकिन, एक वादा जिसे कमलनाथ ने सिंह से लिया, उस पर सबका ध्यान गया।

दिग्विजय विष पीने के लिए तैयार

इसमें यह कहा गया कि चाहे जो गलती हो जाए या जिससे भी हो जाए, इसकी जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री को लेनी होगी। इस पर मजाकिया अंदाज में सिंह ने कहा कि 'शिवजी की तरह वह विष पीने के लिए तैयार हैं।' इस बार कांग्रेस पिछली गलतियों से सबक लेते हुए सावधानी बरतती दिख रही है। पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं का मानना है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार इसलिए गिर गई थी, क्योंकि दिग्जविजय सिंह ने सिंधिया से टकराव का रास्ता चुना था। कमलनाथ जिन्हें केंद्र की राजनीति का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है, वह राज्य की राजनीति के खेल को समझने में नाकाम रहे थे। यह भी कहा जाता है कि उन्हें सिंह ने गुमराह किया था।

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