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Maharashtra Chunav 2024: अपनों से लड़ाई, गैरों से प्यार, ये 5 मुद्दे बनाएंगे महाराष्ट्र में सरकार

Maharashtra Election 2024: बीते पांच वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में हुए बेमेल गठबंधनों की असली परीक्षा का वक्त अब आ चुका है। राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस एक साथ मिलकर लड़ेंगे। दूसरी तरफ बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार हैं। ऐसे में दोनों ही तरफ काफी घालमेल हो चुका है

Arun Tiwariअपडेटेड Oct 25, 2024 पर 1:22 PM
Maharashtra Chunav 2024: अपनों से लड़ाई, गैरों से प्यार, ये 5 मुद्दे बनाएंगे महाराष्ट्र में सरकार
Maharashtra Chunav 2024: अपनों से लड़ाई, गैरों से प्यार, ये 5 मुद्दे बनाएंगे महाराष्ट्र में सरकार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने में अब 26 दिन का वक्त बचा हुआ है। राज्य में 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को एक ही चरण में वोटिंग होगी। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी यानी MVA के बीच है। बीते पांच वर्ष के दौरान राज्य की राजनीति में आश्चर्यजनक गठबंधन बने हैं। घनघोर वैचारिक विरोधी एक-दूसरे के साथ दिखे और परिवार या बेहद करीबी लोग टूटकर अलग हो गए।

बीते पांच वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में हुए बेमेल गठबंधनों की असली परीक्षा का वक्त अब आ चुका है। राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस एक साथ मिलकर लड़ेंगे। दूसरी तरफ बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार हैं। ऐसे में दोनों ही तरफ काफी घालमेल हो चुका है। वोटर्स के लिए कन्फ्यूज होने वाली स्थिति है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महाराष्ट्र में इस बार का दिलचस्प चुनाव किन अहम मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमेगा। वो कौन से मुद्दे हैं, जिनपर फोकस कर राजनीतिक पार्टियां अपनी चुनावी नैया पार कर सकती हैं।

मराठा आरक्षण का मुद्दा

राज्य में इस बार मराठा आरक्षण आंदोलन का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्म रहने वाला है। इस मुद्दे पर राज्य में बीते समय में जबरदस्त आंदोलन भी हो चुके हैं। इस वक्त मराठा आरक्षण की आवाज बुलंद करने वाले मनोज जरांगे पाटिल साफ कर चुके हैं कि चुनाव में आरक्षण का विरोध करने वाले परिणाम भुगतने को तैयार रहें। आंदोलन की वजह से मराठा युवाओं में आइकॉन बन चुके मनोज पाटिल ने मराठा बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। उनके इस ऐलान से राज्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं।

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