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Rajasthan Elections 2023: पीएम मोदी, अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के इर्दगिर्द करवट ले रहा है राजस्थान चुनाव

Rajasthan Elections 2023: जिन तीन प्रमुख चेहरों की शहर से लेकर कस्बों और गांव-ढाणियों तक विमर्श तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका दिख रही है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सबसे बड़ी ताकत नजर आ रही है तो सीएम अशोक गहलोत अपनी योजनाओं और 'गारंटी' के माध्यम से व्यापक जनमानस तक पहुंच स्थापित करते दिख रहे हैं

Akhileshअपडेटेड Nov 22, 2023 पर 12:49 PM
Rajasthan Elections 2023: पीएम मोदी, अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के इर्दगिर्द करवट ले रहा है राजस्थान चुनाव
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फलक पर भले ही कई राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दे नजर आ रहे हों। लेकिन जिन तीन प्रमुख चेहरों की शहर से लेकर कस्बों और गांव-ढाणियों तक विमर्श तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका दिख रही है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सबसे बड़ी ताकत नजर आ रही है तो सीएम अशोक गहलोत अपनी योजनाओं और 'गारंटी' के माध्यम से व्यापक जनमानस तक पहुंच स्थापित करते दिख रहे हैं।

मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी ने वसुंधरा राजे का नाम भले ही ना घोषित किया हो। लेकिन राजस्थान के बहुत सारे मतदाताओं का ऐसा मानना है कि अगर उनका चेहरा सामने होता तो संभव है कि इस चुनाव की तस्वीर बिल्कुल साफ होती। अजमेर निवासी वीके जैन परंपरागत रूप से भगवा पार्टी के मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को मजबूती देने के लिए बीजेपी को वोट देंगे।

मोदी 'फैक्टर' का असर

जैन ने पीटीआई से कहा, "यह सच है कि प्रदेश का चुनाव है, लेकिन यह भी जरूरी है कि हमारे राजस्थान का तेजी से विकास हो। केंद्र में मोदी जी की सरकार है और अगर यहां बीजेपी की सरकार बनती है तो राजस्थान का तेज गति से विकास होगा। हमारे लिए मोदी 'फैक्टर' सबसे बड़ा है।" अजमेर उत्तर और अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों में कई ऐसे मतदाता मिले जिनका यह कहना था कि वह लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर वोट करेंगे।

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