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Budget 2024: ₹1 लाख तक स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन पर अधिक टैक्स छूट... बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

Budget 2024-25: कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी (KPMG) ने उम्मीद जताई है कि 23 जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट 2024-25 में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को दोगुना करके एक लाख किया जा सकता है। इसके अलावा होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट बढ़ाने और कैपिटल गेन टैक्स को भी तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है। KPMG ने एक नोट में कहा कि मेडिकल खर्चों, फ्यूल लागत और महंगाई में काफी बढ़ोतरी हुई है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 15, 2024 पर 12:10 AM
Budget 2024: ₹1 लाख तक स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन पर अधिक टैक्स छूट... बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान
Budget 2024-25: KPMG ने कहा कि कैपिटल गेन टैक्स व्यवस्था को तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है

Budget 2024-25: कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी (KPMG) ने उम्मीद जताई है कि 23 जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट 2024-25 में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को दोगुना करके एक लाख किया जा सकता है। इसके अलावा होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट बढ़ाने और कैपिटल गेन टैक्स को भी तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है। KPMG ने एक नोट में कहा कि मेडिकल खर्चों, फ्यूल लागत और महंगाई में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते लोगों को व्यक्तिगत खर्च काफी बढ़ा है। इन सबको ध्यान रखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है।

कंसल्टेंसी फर्म ने कहा कि सरकार को यह कोशिश करनी चाहिए कि उपभोक्तओं के हाथ में अधिक खर्च करने योग्य आय बचे। उम्मीद है कि सरकार इसके लिए नई टैक्स रिजीम के तहत टैक्स छूट की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर सकती है।

केपीएमजी ने होम लोन के संबंध में कहा कि ब्याज दरों में हाल में बढ़ोतरी और नियामकीय सुधारों के कारण रियल एस्टेट सेक्टर पर दबाव बढ़ रहा है। इन चुनौतियों को कम करने और घर खरीदने को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई टैक्स रिजीम के तहत सेल्फ-ऑक्यूपेंसी वाले होम लोन पर ब्याज के लिए कटौती की अनुमति देने या पुरानी टैक्स व्यवस्था में कटौती को बढ़ाकर कम से कम तीन लाख रुपये करने पर विचार किया जा सकता है।

नोट में कहा गया है कि आज भारत में कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर बहुस्तरीय है और विभिन्न प्रकार के एसेट्स के लिए अलग-अलग दरें हैं। ऐसे में कैपिटल गेन टैक्स व्यवस्था को तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है।

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