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Budget 2024 : जीटीआरआई ने स्मार्टफोन के कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं घटाने की दी सलाह

Union Budget 2024 : जीटीआरआई ने कहा है कि स्मार्टफोन निर्यात में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। 2022 में यह 7.2 अरब डॉलर था। 2023 में यह बढ़कर 13.9 अरब डॉलर पहुंच गया। पीएलआई स्कीम के तहत आने वाले सेक्टर में स्मार्टफोन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा है। आज इंडियन मार्केट में बिकने वाले 98 फीसदी से ज्यादा स्मार्टफोन का उत्पादन इंडिया में होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 22, 2024 पर 2:37 PM
Budget 2024 : जीटीआरआई ने स्मार्टफोन के कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं घटाने की दी सलाह
Union Budget 2024 : जीटीआरआई ने कहा है अभी स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 से 10 फीसदी है।

Interim Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman को स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं घटानी चाहिए। मौजूदा ड्यूटी वह सफल साबित हुई है और उसमें बदलाव करने से लोकल मैन्युफैक्चरिंग को नुकसान पहुंचेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएविट (GTRI) ने यह सलाह वित्तमंत्री को दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। इसलिए इसमें किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। लेकिन, चुनावी साल होने की वजह से वित्तमंत्री बजट में कुछ अहम ऐलान कर सकती हैं। जीटीआरआई ने कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने से इंडस्ट्री ग्रोथ को बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे इंडिया के तेजी से बढ़ रहे स्मार्टफोन मार्केट को बढ़ावा मिलेगा।

बजट 2024 में इंपोर्ट ड्यूटी में कमी के ऐलान की उम्मीद नहीं

जीटीआरआई ने कहा है अभी स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 से 10 फीसदी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इसमें बदलाव नहीं करना चाहिए। उन्हें इसमें किसी तरह की कमी नहीं करनी चाहिए। जीटीआरआई की यह मांग इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की मांग के उलट है। उसने वित्तमंत्री से अपनी मांग में कहा है कि मोबाइल फोन कंपोनेंट पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है। उसने कहा है कि इंपोर्ट ड्यूटी में कमी से स्मार्टफोन का उत्पादन 28 फीसदी बढ़कर 82 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। निर्यात बढ़ सकता है और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिल सकता है।

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