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मोदी सरकार के 10 साल: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3 गुना होकर ₹19 लाख करोड़ होने की उम्मीद, ITR का आंकड़ा कहां पहुंचा

Budget 2024: चालू वित्त वर्ष 2023-24 में नेट डायरेक्ट टैक्सेज से कलेक्शन अभी तक 20 प्रतिशत बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार 2014 में सत्ता में आई थी। फरवरी में पेश होने जा रहा बजट मोदी कार्यकाल का 12वां बजट होगा। सरकार कई वर्षों से टैक्स की लो रेट्स और कम छूट के साथ कर व्यवस्था को सरल बनाने की कोशिश कर रही है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 29, 2023 पर 2:07 PM
मोदी सरकार के 10 साल: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3 गुना होकर ₹19 लाख करोड़ होने की उम्मीद, ITR का आंकड़ा कहां पहुंचा
1 फरवरी 2024 को सरकार अंतरिम बजट पेश करने जा रही है क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं।

Budget 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के मई 2024 में 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। अनुमान है कि इन 10 वर्षों में देश में व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax) और कॉरपोरेट टैक्स (Direct Tax) कलेक्शन बढ़कर 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। कहा जा रहा है कि इससे लोगों को अनुकूल कर उपाय करने के अधिक अवसर मिलेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, रिफंड एडजस्ट करने के बाद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन वित्त वर्ष 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ रुपये था। यह बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 16.61 लाख करोड़ रुपये हो गया।

चालू वित्त वर्ष 2023-24 में नेट डायरेक्ट टैक्सेज (व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर) से कलेक्शन अभी तक 20 प्रतिशत बढ़ा है। इसी गति से बढ़ने पर 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में कुल कलेक्शन करीब 19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में अनुमानित टैक्स कलेक्शन 18.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

कर व्यवस्था को सरल बनाने की कोशिश

सरकार कई वर्षों से टैक्स की लो रेट्स और कम छूट के साथ कर व्यवस्था को सरल बनाने की कोशिश कर रही है। 2019 में सरकार ने छूट छोड़ने वाले कॉरपोरेट घरानों के लिए कर की कम दर की पेशकश की। अप्रैल 2020 में इं​डीविजुअल्स के लिए भी इसी तरह की योजना शुरू की गई। इंडीविजुअल्स के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में नई आयकर व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाया गया। इसके लिए टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाया गया, बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को 3 लाख रुपये तक बढ़ाया गया और 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल किया गया। इसके अलावा नई आयकर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था भी बना दिया गया है।

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