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Budget Economy Survey: वित्तीय घाटे के मोर्च पर अच्छी खबर, अगले वित्त वर्ष तक GDP के 4.5% तक आ सकता है आंकड़ा

Budget Economy Survey: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से एक दिन पहले सोमवार 22 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि देश मजबूती से आगे बढ़ा रहा है और अगले वित्त वर्ष तक फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटे के कम होकर जीडीपी के 4.5 फीसदी या इससे भी नीचे आने की उम्मीद है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 22, 2024 पर 1:22 PM
Budget Economy Survey: वित्तीय घाटे के मोर्च पर अच्छी खबर, अगले वित्त वर्ष तक GDP के 4.5% तक आ सकता है आंकड़ा
Budget Economy Survey: मौजूदा वित्त वर्ष 2025 में फिस्कल डेफिसिट के जीडीपी के 5.1% पर रहने का अनुमान है

Budget Economy Survey: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से एक दिन पहले सोमवार 22 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि देश मजबूती से आगे बढ़ा रहा है और अगले वित्त वर्ष तक वित्तीय घाटे के कम होकर जीडीपी के 4.5 फीसदी या इससे भी नीचे आने की उम्मीद है। बता दें कि जब सरकार का खर्च उसकी आमदनी से ज्यादा होता है, तो इसे फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटा यह बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए बाजार से कितना रुपये उधार लेने की जरूरत है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए भी कहा कि सरकार फिस्कल डेफिसिट को कम करने के लक्ष्य पर बनी हुई है और इसके वित्त वर्ष 2026 तक घटाकर जीडीपी के 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष 2025 में इसके जीडीपी के 5.1 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया गया था।

फिस्कल डेफिसिट को कम करने के लिए सरकार के पास मुख्य उपाय है कि वह अपने खर्चों को कम करें या आमदनी को बढ़ाए। आमदनी को बढ़ाने के लिए विनिवेश और आरबीआई सहित दूसरे PSU से मिलने वाली डिविडेंड राशि पर सरकार फोकस कर सकती है।

अंतरिम बजट में सीतारमण ने 2024-25 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर खर्च को पिछले साल की तुलना में 11.1% बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया। केयरएज रेटिंग्स ने बताया कि सरकार अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर के अनुमान को 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में भी बरकरार रख सकती है।

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