अब आप जानना चाहेंगे कि इतने से बदलाव से इतना बड़ा घाटा कैसे? इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल अब कंपनी को बदले हुए नाम को अपने सभी प्रोडक्ट्स पर प्रिंट करना होगा। इसके चलते लेबल के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन कराने, राज्यों में फिर से आवेदन करने की कवायद हुई। इन सब के चलते और प्रोडक्ट्स पर नए लेबल प्रिंट करने तक कंपनी की बिक्री कुछ महीनों के लिए रुक गई। नाम बदलने के कारण जो प्रोडक्ट पहले से कंपनी के स्टॉक में पड़े थे यानि बिके नहीं थे, वे या तो बेकार हो गए या फिर बिक्री के लायक नहीं रहे। इसलिए कंपनी को इनवेंट्री में 80 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डालने पड़े। यह तो रहा नाम बदले से सीधे तौर पर हुआ वित्तीय नुकसान। इसके अलावा इस घाटे से वित्त वर्ष 2024 में B9 बेवरेजेज के कुल घाटे में 68 प्रतिशत की वृद्धि हो गई।