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हर सरकारी बैंक हो जाएगा प्राइवेट, जानिए क्या है सरकार का पूरा प्लान

अभी बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग्स) एक्ट, 1970 लागू है। इसके मुताबिक, किसी सरकारी बैंक में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी होनी चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 29, 2022 पर 10:59 PM
हर सरकारी बैंक हो जाएगा प्राइवेट, जानिए क्या है सरकार का पूरा प्लान
इस साल फरवरी में पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का प्राइवेटाइजेशन करेगी।

सरकारी बैंकों (PSU Banks) के बारे में सरकार की सोच बदल गई है। सरकार इन बैंकों में अपनी पूरी हिस्सेदारी खत्म करना चाहती है। इसके लिए उसे कानून में संसोधन करना होगा। अभी जो कानून है उसके मुताबिक सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं हो सकती। अंग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट इकोनॉनिक टाइम्स ने यह खबर दी है।

सरकार संसद के मानसून सत्र में बिल पेश कर सकती है। इसके पारित होने के बाद सरकारी बैंकों में अपनी पूरी हिस्सेदारी खत्म करने का रास्ता सरकार के लिए खुल जाएगा। अभी बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग्स) एक्ट, 1970 लागू है। इसके मुताबिक, किसी सरकारी बैंक में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी होनी चाहिए। इसका मतलब है कि बैंक का नियंत्रण सरकार के पास होना अनिवार्य है।

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सरकार पहले ही सरकारी बैंकों के धीरे-धीरे निजीकरण का फैसला ले चुकी है। लेकिन, उसका मानना था कि वह इन बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम से कम 26 फीसदी बनाए रखेगी। अभी सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी प्राइवेट बैंक में प्रमोटर की अधिकतम हिस्सेदारी 26 फीसदी हो सकती है।

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