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Go First बनने वाली है इतिहास, NCLT ने दिया लिक्विडेशन का ऑर्डर

Go First Liquidation: एयरलाइन की कुल देनदारियां लगभग 11,000 करोड़ रुपये हैं। गो फर्स्ट पर बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, ड्यूश बैंक और IDBI बैंक सहित कर्जदाताओं का 6,521 करोड़ रुपये का बकाया है। गो फर्स्ट ने मई 2023 में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू की थी

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jan 20, 2025 पर 1:19 PM
Go First बनने वाली है इतिहास, NCLT ने दिया लिक्विडेशन का ऑर्डर
Go First ने 2 मई, 2023 को उड़ान भरना बंद कर दिया था।

Go First Liquidation: नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने बंद पड़ी लो कॉस्ट एयरलाइन गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का आदेश दिया है। ज्यूडिशियल मेंबर महेंद्र खंडेलवाल और टेक्निकल मेंबर डॉ. संजीव रंजन की NCLT बेंच ने गो फर्स्ट के लेनदारों की समिति (CoC) की ओर से दायर लिक्विडेशन के आवेदन को स्वीकार कर लिया। CoC ने सितंबर 2024 में एयरलाइन के लिक्विडेशन के लिए आवेदन दायर किया था क्योंकि एयरलाइन के पास कोई एयरक्राफ्ट नहीं बचा था और न ही रिवाइवल के लिए कोई व्यावहारिक विकल्प था। आवेदन को दिसंबर 2024 में फैसले के लिए सुरक्षित रखा गया था।

लिक्विडेशन में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर उसका कर्ज चुकाया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद कंपनी का अस्तित्व खत्म हो जाता है। पिछले साल अक्टूबर तक गो फर्स्ट के 54 एयरक्राफ्ट्स के तत्कालीन फ्लीट का एक-चौथाई हिस्सा भारत से बाहर जा चुका था। वहीं 31 दिसंबर, 2024 तक फ्लीट में से आधे से अधिक एयरक्राफ्ट भारत से बाहर जा चुके थे। दिसंबर के अंत तक एयरलाइन के 54 प्लेन्स में से 28 को लेसर्स यानि प्लेन लीज पर देने वालों ने वापस ले लिया।

कब बंद हुई थीं उड़ानें

गो फर्स्ट ने मई 2023 में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू की थी। वाडिया समूह की एयरलाइन गो फर्स्ट ने 2 मई, 2023 को उड़ान भरना बंद कर दिया था और NCLT ने 8 दिन बाद वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी के लिए इसकी याचिका स्वीकार कर ली थी।

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