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SpiceJet case: NCLT ने लीज पर विमान देने वाली कंपनियों से नए नोटिफिकेशन की स्टडी करने को कहा

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट और उसे लीज पर विमान देने वाली कंपनियों एयरकैसल और विलमिंग्टन को एक हालिया नोटिफिकेशन की स्टडी करने को कहा है। इस नोटिफिकेशन में इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2026 के तहत एविएशन लीज एग्रीमेंट पर लगाई गई पाबंदी हटाने की बात है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 10, 2023 पर 2:39 PM
SpiceJet case: NCLT ने लीज पर विमान देने वाली कंपनियों से नए नोटिफिकेशन की स्टडी करने को कहा
एयरकैसल और विलमिंग्टन ने बकाया रकम को लेकर स्पाइसजेट के खिलाफ इंसॉल्वेंसी याचिका दायर की है।

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट और उसे लीज पर विमान देने वाली कंपनियों एयरकैसल और विलमिंग्टन को एक हालिया नोटिफिकेशन की स्टडी करने को कहा है। इस नोटिफिकेशन में इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2026 के तहत एविएशन लीज एग्रीमेंट पर लगाई गई पाबंदी हटाने की बात है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी।

एयरकैसल (Aircastle) और विलमिंग्टन (Wilmington) ने बकाया रकम को लेकर स्पाइसजेट (SpiceJet) के खिलाफ इंसॉल्वेंसी याचिका दायर की है। हालांकि, स्पाइसजेट ने कुछ तकनीकी आधार पर इन याचिकाओं की वैधता को चुनौती दी है। कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने 4 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें विमान, विमान के इंजन, एयरफ्रेम और हेलिकॉप्टर से जुड़ी पाबंदियों को हटाने की बात है।

पाबंदी लग जाने के बाद मुकदमा दायर करने, मौजूदा मुकदमों को जारी रखने, फैसलों को लागू करने, संपत्तियों के ट्रांसफर/निपटारे और रिकवरी या 'सिक्योरिटी इंटरेस्ट' पर को लागू करने पर पाबंदी है। इस नोटिफिकेशन की वजह से पाबंदी का मामला विमान, विमान के इंजनों, एयरफ्रेम और हेलिकॉप्टर पर लागू नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि लीज पर दिए गए एयरक्राफ्ट, इंजन और हेलिकॉप्टर और अन्य समझौतों पर पाबंदी वाला नियम लागू नहीं होगा।

स्पाइसजेट के खिलाफ एयरकैसल की याचिका:

एयरकैसल ने स्पाइसजेट के खिलाफ दो इंसॉल्वेंसी याचिकाएं दायर की हैं। एक याचिका पर NCLT ने नोटिस जारी किया है, जबकि दूसरी याचिका की वैधता पर ट्राइब्यूनल ने सवाल उठाए हैं। रामलिंगम सुधार की अगुवाई वाली NCLT की दो सदस्यों वाली बेंच ने 8 मई को स्पाइसजेट को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की थी। ट्राइब्यूनल ने 17 मई को स्पाइसजेट से इंसॉल्वेंसी याचिका पर जवाब मांगा था।

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