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Byju's News: 3 हजार एंप्लॉयीज का दावा दाखिल, लेकिन बायजू रवींद्रन नहीं दे रहे कोई डिटेल्स

Byju's News: दिवालिया हो चुकी एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल का कहना है कि करीब 3 हजार एंप्लॉयीज के क्लेम अब तक मिल चुके हैं। हालांकि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने आगे यह भी कहा कि बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने अभी तक बैंक अकाउंट्स और अन्य डेटा इत्यादि मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 01, 2024 पर 5:08 PM
Byju's News: 3 हजार एंप्लॉयीज का दावा दाखिल, लेकिन बायजू रवींद्रन नहीं दे रहे कोई डिटेल्स
भारतीय क्रिकेट बोर्ड BCCI की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने पिछले महीने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया था।

Byju's News: दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल का कहना है कि करीब 3 हजार एंप्लॉयीज के क्लेम अब तक मिल चुके हैं। हालांकि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने आगे यह भी कहा कि बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने अभी तक बैंक अकाउंट्स और अन्य डेटा इत्यादि मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड BCCI की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने पिछले महीने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्ति किया था। उनका काम तब तक कंपनी को संभालना है, जब तक लेंडर्स की कमेटी नहीं बन जाती है। एनसीएलटी ने यह फैसला दिवालिया प्रक्रिया से जुड़ी बीसीसीआई की याचिका पर सुनाया था।

Byju Raveendran को कैसी डिटेल्स देनी है?

बीसीसीआई की याचिका पर ही बायूजज के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई है और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति हुई है। हालांकि बायजूज ने बाद में बीसीसीआई का पूरा बकाया चुकता करने की बात कही थी और एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ बायजू रवींद्रन ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में याचिका दाखिल किया था। एनसीएलएटी ने बायजू रवींद्रन को फंड के स्रोत के बारे में डिटेल्स फाइल करने को कहा था दिसके जरिए वह बीसीसीआई की के बकाया चुकाने का प्रस्ताव रख रहे हैं।

एनसीएलएटी में दोनों पार्टियों ने 31 जुलाई को कहा कि बकाए का कुछ हिस्सा चुका दिया गया है और बाकी दो किश्तों में 2 अगस्त और 9 अगस्त को चुका दिया जाएगा। यह पेमेंट बायजू रवींद्रन के राजू रवींद्रन करते। हालांकि दिक्कत ये आ गई कि बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने इस सेटलमेंट व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए और कहा कि यह इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसी पर एनसीएलएटी ने बा.जूज रवींद्रन को फंड के स्रोत का खुलासा करने को कहा था।

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