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Sharechat के संकट की अंदरूनी कहानी: फाउंडर्स की बेरुखी, मैनेजमेंट में ताबड़तोड़ इस्तीफे और बढ़ता घाटा

शेयरचैट (Sharechat) के 2 को- फाउंडर्स अपने पद से हट गए हैं। कंपनी के टॉप और मिडिल मैनेजमेंट से लगातार इस्तीफे आ रहे हैं। खर्च के साथ कंपनी का घाटा बढ़ता जा रहा है। साथ ही कंपनी के बिजनेस मॉडल पर भी सवाल उठ रहे हैं। Sharechat ने इस महीने 600 कर्मचारियों की छंटनी का भी ऐलान किया था

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 27, 2023 पर 3:38 PM
Sharechat के संकट की अंदरूनी कहानी: फाउंडर्स की बेरुखी, मैनेजमेंट में ताबड़तोड़ इस्तीफे और बढ़ता घाटा
वित्त वर्ष 2022 में ShareChat का घाटा दोगुना बढ़कर 2,989 करोड़ रुपये पर पहुंच गया

सोशल मीडिया कंपनी शेयरचैट (Sharechat) बीते 16 जनवरी ने छंटनी का ऐलान किया था। इसके साथ ही यह उन स्टार्टअप्स की लिस्ट में शामिल हो गई जिन्होंने कारोबार में आई मंदी का सामना करने के लिए हाल में छंटनी का सहारा लिया है। छंटनी के बाद कर्मचारियों के साथ आयोजित मीटिंग में माहौल काफी गमगीन था। शेयरचैट ने करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला और मैनेजमेंट को मीटिंग में परेशान कर्मचारियों की ओर से कई कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। शेयरचैट के मैनेजमेंट ने बताया कि बहुत सारे पदों की अब कंपनी को जरूरत खत्म हो गई है, जिसके चलते उन पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है।

इस पर कर्मचारियों ने पूछा कि अगर ऐसा है तो कंपनी के अनुपस्थित चीफ टेक्वनोलॉजी ऑफिसर (CTO) और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) को बार-बार अपनी गलतियां दोहराने का मौका क्यों दिया जा रहा है? इन दोनों शीर्ष पद कंपनी के को-फाउंडर भानु प्रताप सिंह (सीटीओ) और फरीद अहसान (सीओओ) के पास थे।

मेटा जैसी दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी के साथ मुकाबला करने वाली शेयरचैट के लिए ये दोनों भूमिकाएं काफी अहम है। चीफ टेक्वनोलॉजी ऑफिसर (CTO) को जहां यहा सुनिश्चित करना होता है कि प्लेटफॉर्म का एल्गोरिदम लोगों को आकर्षित करने और यूजर्स को जोड़े रखने के लिए पर्याप्त है। वहीं चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) को पैसा बनाने के मौके और संसाधनों को जुटाने के बारे में चिंता करना होता है, जिससे वे प्रतिद्वंदियों का मुकाबला कर सकें।

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