Get App

25,000 करोड़ की इनसेंटिव स्कीम से पहले चाइनीज फर्मों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाना चाहती हैं भारतीय कंपनियां

Dixon, Micromax, Zetwerk और Syrma SGS जैसी कंपनियां चीन की कंपोनेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों के साथ सहयोग के मौके तलाश रही हैं। भारतीय कंपनियों को उम्मीद है कि अगर वे ग्लोबल कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाती हैं तो प्रेस नोट 3 के तहत जल्द उसे सरकार की मंजूरी मिल जाएगी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Mar 27, 2025 पर 5:11 PM
25,000 करोड़ की इनसेंटिव स्कीम से पहले चाइनीज फर्मों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाना चाहती हैं भारतीय कंपनियां
यह स्कीम 25,000 करोड़ रुपये की हो सकती है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री ने सरकार से 40,000 करोड़ रुपये की स्कीम की मांग की थी।

इंडिया की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (ईएमएस) कंपनियों ने चीन सहित दुनिया की बड़ी सप्लाई चेन कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी हैं। दरअसल, भारतीय ईएमएस कंपनियां ग्लोबल कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाना चाहती हैं। उनकी नजरें सरकार की 25,000 करोड़ रुपये की इनसेंटिव स्कीम पर हैं। सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम लॉन्च करने जा रही है। इस स्कीम को कैबिनेट का एप्रूवल जल्द मिल जाने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी का ढांचा तैयार

अधिकारियों ने बताया कि Dixon, Micromax, Zetwerk और Syrma SGS जैसी कंपनियां चीन की कंपोनेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों के साथ सहयोग के मौके तलाश रही हैं। भारतीय कंपनियों को उम्मीद है कि अगर वे ग्लोबल कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाती हैं तो प्रेस नोट 3 के तहत जल्द उसे सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। बताया जाता है कि आईटी मिनिस्ट्री ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी का ढांचा तैयार कर लिया है। इसके तहत सरकार इनसेंटिव स्कीम का ऐलान करेगी। यह स्कीम 25,000 करोड़ रुपये की हो सकती है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री ने सरकार से 40,000 करोड़ रुपये की स्कीम की मांग की थी।

सरकार देश में बढ़ाना चाहती है इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स का उत्पादन

सब समाचार

+ और भी पढ़ें