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जर्मन कंपनी मेट्रो एजी की खरीद के रेस में Reliance निकली सबसे आगे, सारे प्रतिद्वंदी दौड़ से हुए बाहर

मेट्रो ने 2003 में भारतीय बाजार में कदम रखा था। वर्तमान में देश भर में इसके 31 होलसेल डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर हैं। कंपनी केवल बिजनेस कस्टमरों को अपनी सेवाएं देती है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Oct 14, 2022 पर 9:53 AM
जर्मन कंपनी मेट्रो एजी की खरीद के रेस में Reliance निकली सबसे आगे, सारे प्रतिद्वंदी दौड़ से हुए बाहर
इस डील की वैल्यू एक अरब डॉलर से 1.2 अरब डॉलर तक हो सकती है

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) भारत में जर्मन फर्म मेट्रो एजी (Metro AG) के थोक बिक्री कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत के एडवांस स्टेज में है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने मीडिया को ये जानकारी दी है। गौरतलब है कि देश के दिग्गज उद्यमी मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत के किटेल सेक्टर में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए मेट्रो एजी का का अधिग्रहण करना चाहती है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन कंपनी मेट्रो एजी (Metro AG) का भारत में थोक कारोबार खरीदने की दौड़ में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries)अकेली कंपनी रह गई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच बातचीत एडवांस स्टेज में है।

बता दें कि थाईलैंड की (चारोएन पोकफंड ग्रुप कंपनी ) Charoen Pokphand Group Co.ने भी मेट्रो एजी के भारतीय होलसेस कारोबार को खरीदने में रुचि दिखाई थी। अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि Charoen Pokphand इस दौड़ से बाहर हो गई है। अब केवल रिलायंस ही मेट्रो के कैश एंड कैरी कारोबार को खरीदने की रेस में रह गई है। इस खरीद पर अगले महीने तक अंतिम फैसला हो सकता है।

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