गर्मी का मौसम आते ही न सिर्फ सूरज तेजी से जलने लगता है, बल्कि हमारे शरीर का तापमान भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। बाहर की तपिश तो दिखती है, लेकिन असली खतरा उस अंदरूनी गर्मी से होता है, जो बिना बताए कई परेशानियां खड़ी कर देती है—जैसे थकान, चक्कर, मितली, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक। अक्सर लोग सोचते हैं कि ठंडा पानी या एसी में बैठने से राहत मिल जाएगी, लेकिन ये राहत कुछ पलों की होती है। असल में, गर्मियों में शरीर को अंदर से ठंडा रखना ही सबसे ज्यादा जरूरी होता है।