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Uric Acid: महिलाओं में यूरिक एसिड का बढ़ना बन सकता है गठिया की वजह, जानिए कैसे रखें कंट्रोल

Uric Acid: महिलाओं का हार्मोनल संतुलन अक्सर बिगड़ता रहता है, जिससे उनकी पाचन क्षमता भी कमजोर हो जाती है। इसी कारण शरीर प्यूरिन को ठीक से नहीं पचा पाता, और धीरे-धीरे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यह समस्या खासतौर पर हार्मोनल असंतुलन और कमजोर डाइजेशन की वजह से अधिक देखने को मिलती है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 13, 2025 पर 4:09 PM
Uric Acid: महिलाओं में यूरिक एसिड का बढ़ना बन सकता है गठिया की वजह, जानिए कैसे रखें कंट्रोल
Uric Acid: महिलाओं को चाहिए कि वे अपने हार्मोनल हेल्थ और पाचन पर ध्यान दें।

इन दिनों महिलाओं में यूरिक एसिड की समस्या तेजी से उभर रही है, जो पहले पुरुषों में अधिक देखी जाती थी। ये एक गंभीर लाइफस्टाइल डिसऑर्डर बन चुका है, जिसकी जड़ें हमारी बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता में छुपी हैं। खास बात ये है कि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज, यूरिक एसिड के स्तर को गहराई से प्रभावित करते हैं। साथ ही कमजोर पाचन तंत्र और धीमा मेटाबोलिज्म भी शरीर में प्यूरिन को सही ढंग से ब्रेक नहीं कर पाता, जिससे यूरिक एसिड जमने लगता है।

ये स्थिति न केवल जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनती है, बल्कि किडनी स्टोन, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ाती है। समय रहते सतर्कता और सही जीवनशैली अपनाकर इस बढ़ते खतरे को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। आइए, जानते हैं इसके कारण और बचाव के तरीके।

हार्मोनल बदलाव बन रहे बड़ा कारण

महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज जैसे चरणों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव आम बात है। लेकिन इन बदलावों का सीधा असर यूरिक एसिड के स्तर पर भी पड़ता है। खासकर मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन की कमी से यूरिक एसिड की मात्रा तेजी से बढ़ सकती है।

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