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Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को दिल्ली के लिए दिए 137 क्यूसेक पानी छोड़ने के निर्देश

Delhi Water Crisis: शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को सात जून को अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया, साथ ही उसे हरियाणा को पहले इसकी जानकारी देनी होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 06, 2024 पर 1:22 PM
Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को दिल्ली के लिए दिए 137 क्यूसेक पानी छोड़ने के निर्देश
Delhi Water Crisis: शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए

Delhi Water Crisis: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जारी पानी की संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। गुरुवार (6 जून) को जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को कोई आत्ति नहीं है और वह उसके पास उपलब्ध अतिरिक्त पानी छोड़ने को तैयार है। पीठ ने निर्देश दिया कि हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए अतिरिक्त जल के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाए रखने में मदद करे ताकि जल राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच सके।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को सात जून को अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया, साथ ही उसे हरियाणा को पहले इसकी जानकारी देनी होगी।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि पानी पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की। अदालत दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हरियाणा को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को उपलब्ध कराया जाने वाला अतिरिक्त जल छोड़े ताकि वहां जारी जल संकट को कम किया जा सके।

याचिका में केंद्र, भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि जीवित रहने के लिए पानी जरूरी है और यह बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है।

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