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Puja Khedkar Row: पूजा खेडकर ने IAS ट्रेनिंग एकेडमी में नहीं की रिपोर्ट, डेडलाइन समाप्त होने के बाद अब और बढ़ेंगी मुश्किलें

IAS Puja Khedkar Row: विवाद के बीच प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम को स्थगित कर दिया गया है और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में लौटने का निर्देश दिया गया है। एकेडमी ने आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया गया है

Akhileshअपडेटेड Jul 24, 2024 पर 12:53 PM
Puja Khedkar Row: पूजा खेडकर ने IAS ट्रेनिंग एकेडमी में नहीं की रिपोर्ट, डेडलाइन समाप्त होने के बाद अब और बढ़ेंगी मुश्किलें
IAS Puja Khedkar Row: सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पूजा खेडकर की ओबीसी नॉन-क्रीमी-लेयर स्थिति भी जांच के दायरे में आ गई है

IAS Puja Khedkar Row: विवादास्पद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाण पत्र जमा करने को लेकर आरोपों में घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर निर्धारित समय सीमा तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में रिपोर्ट करने में विफल रही। पूजा खेडकर को 23 जुलाई तक संस्थान में शामिल होने का आदेश दिया गया था, लेकिन मंगलवार को उन्होंने रिपोर्ट नहीं कीं। दिल्ली में उनके खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद से खेडकर लापता हैं। उन्हें 23 जुलाई मसूरी स्थित अकादमी में उपस्थित होना था, लेकिन वे नहीं आईं।

पूजा खेडकर की नौकरी पर तलवार लटकती नजर आ रही है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। साथ ही सिविल सेवा परीक्षा-2022 से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा।

FIR दर्ज कर नोटिस जारी

संघ लोक सेवा आयोग ने धोखाधड़ी करके सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के अवसर प्राप्त करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। पीटीआई के मुताबिक यूपीएससी ने पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनकी उम्मीदवारी को रद्द क्यों नहीं किया जाए? यूपीएससी ने पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि भविष्य में उनके परीक्षाएं देने या उनके चयन पर रोक क्यों न लगाई जाए?

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