Zerodha के CEO और को-फाउंडर नितिन कामत का कहना है कि डिजिटाइजेशन से पहले प्लेटफॉर्म पर कस्टमर्स को जोड़ना काफी मुश्किल था। उन्होंने शनिवार बताया कि पहले स्टॉक ब्रोकरेज साइट के हर ग्राहक को 40 से अधिक पेज वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर करके इसे कूरियर करना पड़ता था। इसके बाद उसे कन्फर्मेशन के लिए भी कई दिनों तक इंतजार भी करना पड़ता था। हालांकि, अब डिजिटाइजेशन के चलते प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। कामत ने खुलासा किया कि उनके प्लेटफॉर्म पर शुरुआती 60000 कस्टमर बनने में 6 साल लग गए थे।