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Bansal Wire Industries IPO 3 जुलाई से, ₹745 करोड़ जुटाने की होगी कोशिश

Bansal Wire Industries IPO: अभी आईपीओ के प्राइस बैंड की घोषणा नहीं हुई है। IPO में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और बाकी 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है। IPO के लिए SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड और डैम कैपिटल एडवायजर्स लिमिटेड बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 28, 2024 पर 4:03 PM
Bansal Wire Industries IPO 3 जुलाई से, ₹745 करोड़ जुटाने की होगी कोशिश
बंसल वायर इंडस्ट्रीज की NCR में 4 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं।

Bansal Wire Industries IPO: बंसल वायर इंडस्ट्रीज का 745 करोड़ रुपये का आईपीओ 3 जुलाई को खुलने जा रहा है। यह एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स के बाद जुलाई में खुलने वाला दूसरा पब्लिक इश्यू होगा। बंसल वायर के आईपीओ में केवल नए शेयर जारी होंगे, ऑफर फॉर सेल नहीं होगा। इश्यू 5 जुलाई को बंद होगा। एंकर निवेशक 2 जुलाई को पैसा लगा सकेंगे। अभी आईपीओ के प्राइस बैंड की घोषणा नहीं हुई है। आईपीओ के लिए SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड और डैम कैपिटल एडवायजर्स लिमिटेड बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। रजिस्ट्रार केफिन टेक्नोलोजिज लिमिटेड है।

स्टील वायर बनाने वाली बंसल वायर इंडस्ट्रीज की एनसीआर में 4 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं। 3 फैसिलिटीज गाजियाबाद (यूपी) में और 1 बहादुरगढ़ (हरियाणा) में है। यह 3 खंडों- उच्च कार्बन स्टील वायर, माइल्ड स्टील वायर (कम कार्बन स्टील वायर) और स्टेनलेस स्टील वायर में काम करती हैं।कंपनी के प्रमोटर अरुण गुप्ता, अनीता गुप्ता, प्रणव बंसल और अरुण कुमार गुप्ता HUF हैं। वर्तमान में प्रमोटर्स की कंपनी में हिस्सेदारी 95.78 प्रतिशत है।

Bansal Wire Industries IPO के पैसों का कहां होगा इस्तेमाल

पब्लिक इश्यू में नए शेयर जारी करके हासिल हुए पैसों में से कंपनी 452.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपना कर्ज चुकाने, 93.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सब्सिडियरी का कर्ज चुकाने और 60 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए करेगी। बाकी बचे पैसे सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए रहेंगे। आईपीओ में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और बाकी 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है।

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