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Amethi Loksabha Election: अमेठी से पर्दा नहीं उठा रही कांग्रेस, स्मृति ईरानी के सामने राहुल गांधी नहीं तो कौन?

Amethi Loksabha Election: ये इलाका गांधी परिवार के कारण बहुत चर्चित है और आज भी इसे खास नजरिए से देखा जाता है। कभी गांधी परिवार को इस क्षेत्र में बहुत नाज था और अमेठी वालों को भी इस बात का फक्र था कि वे गांधी परिवार के सदस्य को चुनकर लोकसभा भेजते हैं। वास्तव में राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे इसका जवाब अभी तक नहीं मिल रहा है।

Brijesh Shuklaअपडेटेड Mar 21, 2024 पर 1:02 PM
Amethi Loksabha Election: अमेठी से पर्दा नहीं उठा रही कांग्रेस, स्मृति ईरानी के सामने राहुल गांधी नहीं तो कौन?
Amethi Loksabha Election: अमेठी में स्मृति ईरानी के सामने राहुल गांधी ने तो कौन?

Amethi Loksabha Election: गांधी परिवार का सबसे मजबूत क्षेत्र माना जाने वाला अमेठी (Amethi)। कांग्रेस कार्यकर्ता परेशान हैं कि इस सीट से कौन लड़ेगा। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मैदान में उतरेंगे या नहीं। इस सवाल का कोई जवाब भी नहीं मिल रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस का यह किला छिन चुका है। सवाल बड़ा है कि क्या गांधी परिवार इस गढ़ को वापस पा सकेगा? राजनीति की चर्चाएं यहां पर गली नुक्कड़ में चलती हैं। गांधी परिवार से यहां के लोगों को काफी लगाव रहा है।

सूफी मलिक मोहम्मद जायसी की यह धरती है। जायसी ने राजा रत्‍नसेन और रानी पद्मावती की प्रेम कथा का वर्णन किया है। इस महाकाव्य को जायसी ने ऐतिहासिक और काल्पनिक दो पक्षों को दर्शाया है, जिसमें प्रेम ही शिखर पर हैं। कहते हैं कि नंद महार धाम में श्री कृष्ण, बलराम और नंद बाबा ने विश्राम किया था, इसलिए इस धाम का बहुत महत्व है। पास ही गढ़ी माफी में शिव परिवार और हनुमान जी की मूर्तियां हैं और बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते हैं।

यहीं पर 1842 में जब अमेठी राज्य को अंग्रेजों ने विलय करने का प्रयास किया, तो यहां के राजा विशेश्वर बख्श सिंह ने इसका विरोध किया था, जिसमें वह मारे गए। बाद में रानी भी उन्हीं के साथ चिता पर बैठ गई थीं। महिलाएं यहां पर अपनी कामना पूरी करने के लिए दुरदूरियां खाती हैं।

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