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Election in World 2024: साल 2024 में 60 देशों में होंगे चुनाव, 4 अरब लोग चुनेंगे नई सरकार, क्या दुनिया की बदल जाएगी सियासत?

Election in World 2024: ये साल दुनिया के लिए चुनावी साल साबित होगा। इस साल करीब 60 देशों में चुनाव होना है। है। भारत से लेकर अमेरिका और फ्रांस तक इस साल चुनाव होने हैं। कहीं सरकारें वापसी करेंगी, तो कहीं मौजूदा सरकारों की विदाई होगी। हर देश के चुनाव दुनिया की सियासत पर भी असर पड़ता नजर आ सकता है

Jitendra Singhअपडेटेड Mar 17, 2024 पर 2:43 PM
Election in World 2024: साल 2024 में 60 देशों में होंगे चुनाव, 4 अरब लोग चुनेंगे नई सरकार, क्या दुनिया की बदल जाएगी सियासत?
Election in World 2024: भारत में 19 अप्रैल से लोकसभा के चुनाव शुरू हो जाएंगे।

Election in World 2024: साल 2024 में भारत में लोकसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। पाकिस्तान में चुनाव हो चुके हैं। लेकिन ये चुनावी चक्र सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं है। पूरी दुनिया के लिए ही 2024 एक चुनावी साल साबित होने जा रहा है। दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में चुनाव होंगे। ये नेशनल लेवल के या विधायी चुनाव होंगे। इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम के मुताबिक इस साल 60 देशों में चुनाव होंगे। इन देशों में दुनिया की 49 फीसदी आबादी रहती है।

जिन देशों में चुनाव होने जा रहे हैं उनमें से कई देश जी20 और जी7 जैसे दुनिया के कुछ शक्तिशाली समूहों का हिस्सा हैं। जिसका मतलब है कि इनके चुनाव नतीजों के भू-राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेंगे और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य भी प्रभावित हो सकता है। वहीं वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के अनुसार 2024 के बाद अगले 24 साल तक दुनियाभर में इतने ज्यादा चुनाव नहीं होंगे। साल 2048 में फिर से ऐसा संयोग बन सकता है कि फिर से इतने सारे देशों में चुनाव एक साल के भीतर देखने को मिलें।

इस साल कहां-कहां होंगे चुनाव

साल 2024 दुनिया के इतिहास में बड़ा चुनावी साल है। इस साल लगभग हर महाद्वीप में चुनाव होंगे। वहीं एशियाई महाद्वीप में सबसे बड़ी संख्या में मतदाता इस साल वोट करेंगे। एशियाई देशों की बात करें तो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान भूटान, ताइवान, इंडोनेशिया और मालदीव में आम चुनाव हैं। बांग्लादेश में संसदीय चुनाव हो चुके हैं। यूरोप के भी दर्जनभर से ज्यादा देशों में इस साल वोट डाले जाएंगे। जिनमें पुर्तगाल से लेकर बेलारूस, फिनलैंड, यूक्रेन और स्लोवाकिया तक शामिल है। अफ्रीकी देशों में इस साल सबसे अधिक चुनाव हैं। जहां दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा एक बार फिर सत्ता में लौटने की तैयारी कर रहे हैं।

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