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Haryana Crisis: हरियाणा में अब भी इतने कॉन्फिडेंस में क्यों है बीजेपी, कांग्रेस क्यों नहीं उठा रही कोई कदम? ये है इन सवालों के जवाब

Haryana Political Crisis: बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाली उसकी सरकार सुरक्षित है। बीजेपी इतने आत्मविश्वास से ये कह सकती है कि उसकी सरकार नहीं करेगी, इसके पीछे ये पांच बड़े कारण माने जा रहे हैं। भले ही बीजेपी सरकार बच जाए, लेकिन ये तथ्य कि विधायक अब गेंद विपक्ष के पाले में छोड़ रहे हैं, इससे जनता की धारणा को मजबूती मिल सकती है कि पेंडुलम कांग्रेस की ओर झुक रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 08, 2024 पर 10:37 PM
Haryana Crisis: हरियाणा में अब भी इतने कॉन्फिडेंस में क्यों है बीजेपी, कांग्रेस क्यों नहीं उठा रही कोई कदम? ये है इन सवालों के जवाब
Haryana Crisis: हरियाणा में अब भी इतने कॉन्फिडेंस में क्यों है बीजेपी, कांग्रेस क्यों नहीं उठा रही कोई कदम?

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए एक और समस्या आ खड़ी हुई है। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद, इसके पुराने साथी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने घोषणा की कि वो सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस के किसी भी कदम का समर्थन करेगी। यह घटनाक्रम 25 मई को राज्य की सभी 10 सीटों पर होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सामने आया है, जिसके बाद साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाली उसकी सरकार सुरक्षित है। बीजेपी इतने आत्मविश्वास से ये कह सकती है कि उसकी सरकार नहीं करेगी, इसके पीछे ये पांच बड़े कारण माने जा रहे हैं।

मुश्किल लग रहा है अविश्वास प्रस्ताव

भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने हाल ही में 13 मार्च को नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। सीएम सैनी ने ध्वनि मत से इसे जीत लिया। JJP के 10 विधायकों के अलग हो जाने के बाद, उस समय BJP के पास 41 विधायक थे, साथ ही छह निर्दलीय विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एक विधायक ने उसे समर्थन दिया था, जिससे 90 के सदन में उसकी संख्या 48 हो गई।

कांग्रेस के 30 विधायक थे, INLD का एक विधायक था, जबकि एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, जो हरियाणा में पूरे उतार-चढ़ाव के दौरान न इधर रहे न उधर, उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। JJP की तरफ से व्हिप जारी करने के बाद उसके किसी भी विधायक ने वोट नहीं दिया, जिससे बीजेपी को आसानी से जीत मिल गई।

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