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सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील आर्यमा सुंदरम ने कहा-इनहेरिटेंस टैक्स से काला धन बढ़ेगा

कांग्रेस के सीनियर नेता सैम पित्रोदा के बयान के बाद इनहेरिटेंस टैक्स सुर्खियों में आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री ने इस पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उधर, कांग्रेस ने भी पित्रोदा के इस बयान से दूरी बना ली है। पित्रोदा ने इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत की थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 26, 2024 पर 5:17 PM
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील आर्यमा सुंदरम ने कहा-इनहेरिटेंस टैक्स से काला धन बढ़ेगा
इंडिया में 1953 से 1985 के बीच इनहेरिटेंस टैक्स लागू था। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद इसे हटा दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील आर्यमा सुंदरम का मानना है कि इंडिया में फिर से इनहेरिटेंस टैक्स लगाने से ब्लैक मनी बढ़ेगी। इससे लोग अपनी इनकम और नेटवर्थ बताने से बचेंगे। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इस मसले पर कई अहम बातें बताईं। हाल में कांग्रेस के सीनियर नेता सैम पित्रोदा के एक बयान से इनहेरिटेंस का मसला सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत की थी। पित्रोदा अमेरिका में रहते हैं, जहां के कुछ राज्यों में इनहेरिटेंस टैक्स लागू है।

इंडिया में इनहेरिटेंस टैक्स 1985 में खत्म हुआ था

आर्यमा सुंदरम (Aryama Sundaram) ने कहा, "इंडिया में टैक्स के रेट्स ज्यादा हैं। एक समय इंडिया में एस्टेट ड्यूटी (Estate Duty) बहुत ज्यादा थी। इसने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। इसे खत्म करना अच्छा कदम था। लोग अब अपनी संपत्ति बताने में संकोच नहीं करते हैं। जब इंडिया में यह टैक्स तब लोग अपनी संपत्ति बताना नहीं चाहते थे।" उन्होंने कहा कि जब यह टैक्स लागू था तब लोग बैंकों में रखने की जगह गद्दों के नीचे पैसे छुपाकर रखते थे। इसकी वजह यह थी कि वे इसे अगले पीढ़ी को देना चाहते थे। उन्हें डर था कि सरकार उनकी सपंत्ति ले लेगी।

इंडिया में इनहेरिटेंस टैक्स की जरूरत नहीं

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