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दिनेश प्रताप सिंह: कभी कांग्रेस से था गहरा नाता, फिर 2019 में सोनिया को दी कांटे की टक्कर; क्या इस बार रायबरेली के किले में लगा पाएंगे सेंध

Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस ने अभी तक अमेठी और रायबरेली सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस बार राज्यसभा के जरिए संसद में जाने का फैसला करने के बाद रायबरेली सीट खाली हो गई है। सोनिया से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 3 बार रायबरेली से जीत हासिल की थी

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड May 02, 2024 पर 11:15 PM
दिनेश प्रताप सिंह: कभी कांग्रेस से था गहरा नाता, फिर 2019 में सोनिया को दी कांटे की टक्कर; क्या इस बार रायबरेली के किले में लगा पाएंगे सेंध
दिनेश प्रताप सिंह गुनावर कमंगलपुर गांव के रहने वाले हैं और उनके परिवार का रायबरेली की राजनीति में अच्छा खासा दबदबा है।

UP Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह पर दांव लगाया है। योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह कभी कांग्रेस के खेमे में थे। लेकिन साल 2018 में उन्होंने बीजेपी का हाथ थाम लिया। इतना ही नहीं 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस के गढ़ कहलाने वाले रायबरेली से चुनाव भी लड़ा। उस चुनाव में सिंह को जीत तो नहीं मिली लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी के जीत का मार्जिन बेहद कम कर दिया।

2019 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली से सोनिया गांधी को 534,918 वोट हासिल हुए, जबकि दिनेश प्रताप सिंह को 367,740 वोट मिले। इस तरह सोनिया 1,67,178 वोटों के अंतर से जीतीं, जबकि 2014 के चुनावों में वह लगभग 3.5 लाख वोटों से जीती थीं।

2010 में पहली बार बने MLC

वर्तमान में सिंह (Dinesh Pratap Singh) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर मार्केटिंग, एग्रीकल्चर फॉरेन ट्रेड और एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। सिंह कांग्रेस से 2010 में पहली बार और 2016 में दूसरी बार विधान परिषद सदस्‍य (MLC) चुने गए थे। 2018 में उन्‍होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। साल 2022 में वह बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड मतों से जीतकर तीसरी बार MLC चुने गए।

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