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अपने ही पैसे के हिसाब में जूझ रही Info Edge, राहुल यादव ने मांगा दो हफ्ते का वक्त, ये है पूरा मामला

नौकरीडॉटकॉम और जीवनसाथीडॉटकॉम की पैरेंट कंपनी इंफो एज (Info Edge) भारी दिक्कतों से जूझ रही है। इसकी ब्रोकर नेटवर्क में मेजॉरिटी हिस्सेदारी है और इसके बावजूद इसे वित्तीय लेन-देन से जुड़ी पूरी डिटेल्स नहीं मिल पा रही है। कंपनी ने अब फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया है तो ब्रोकर नेटवर्क्स के फाउंडर राहुल यादव ने इसकी मंजूरी देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 09, 2023 पर 9:04 AM
अपने ही पैसे के हिसाब में जूझ रही Info Edge, राहुल यादव ने मांगा दो हफ्ते का वक्त, ये है पूरा मामला
ब्रोकर नेटवर्क को हाउसिंगडॉटकॉम के फाउंडर राहुल यादव ने नवंबर 2020 में शुरू किया था। राहुल के पास कंपनी के सर्वर्स और सिस्टम्स का कंट्रोल है।

इंफो एज (Info Edge) ने ब्रोकर नेटवर्क (4बी नेटवर्क्स) में भारी निवेश किया हुआ है और जब कंपनी को अपने निवेश से जुड़ी कोई जानकारी नहीं हासिल हुई तो कंपनी ने ब्रोकर नेटवर्क का फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया। इंफो एज ने इसकी जानकारी एक जून को एक्सचेंज फाइलिंग में दी थी। अब सामने आ रहा है कि ब्रोकर नेटवर्क के फाउंडर राहुल यादव ने अपनी कंपनी के ऑडिटिंग को मंजूरी देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है। इंफो एज ने ऑडिट के लिए डेलॉयट (Deloitte) को ऑडिटर नियुक्त किया है। यह एंप्लॉयमेंट वेबसाइट नौकरीडॉटकॉम, मैट्रिमोमियल साइट जीवनसाथीडॉटकॉम और रियल एस्टेट क्लासिफाईड प्लेटफॉर्म 99एकर्सडॉटकॉम और एडुकेशनल पोर्टल शिक्षाडॉटकॉम की पैरेंट कंपनी है।

क्या है पूरा मामला

एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक इंफो एज की पूर्ण मालिकाना हक वाली कंपनी ऑलचेकडील्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIPL) ने 4बी नेटवर्क्स में वित्तीय निवेश किया है और समय-समय पर इसे फंड मुहैया कराया है। 4बी नेटवर्क्स का काम रियल एस्टेट डेवलपर्स और ब्रोकर्स को ब्रोकर नेटवर्क प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे से संपर्क कराना है। यह एंड-कंज्यूमर्स को लोन से जुड़ी सर्विसेज भी देती है। एआईपीएल ने इसमें 288 करोड़ रुपये का निवेश शेयरों के रुपये में किया है और 12 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।

हालांकि जरूरत से ज्यादा खर्च, लिक्विडिटी की दिक्कतों और फंडिंग ऑप्शन्स को लेकर अनिश्चितताओं के चलते 4बी नेटवर्क्स में पूरा निवेस बर्बाद हो गया। एआईपीएल का कहना है कि उसने कई बार 4बी नेटवर्क्स से नियमों के मुताबिक सभी वित्तीय लेन-देन की जानकारी मांगी। जब कोई जानकारी नहीं मिली तो एआईपीएल ने प्रावधानों के आधार पर 4बी नेटवर्क्स की फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए डेलॉयट को नियुक्त किया है।

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