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SEBI के प्रस्ताव से BSE के शेयरों को झटका, गोल्डमैन ने 14% घटा दिया टारगेट प्राइस

BSE Share Price: सेबी ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसके चलते वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने बीएसई के टारगेट प्राइस में करीब 14 फीसदी की कटौती कर दी है। टारगेट प्राइस में इस कटौती के चलते शेयर धड़ाम से गिर गए। जानिए कि सेबी ने क्या प्रस्ताव पेश किया है और इसका बीएसई के शेयरों से क्या लेना-देना है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 03, 2025 पर 3:53 PM
SEBI के प्रस्ताव से BSE के शेयरों को झटका, गोल्डमैन ने 14% घटा दिया टारगेट प्राइस
गोल्डमैन का मानना है कि सेबी के प्रस्ताव से प्रप्राइइटेरी ट्रेडर्स की एक्टिविटी कम हो सकती है और इसका झटका BSE के शेयरों पर दिख सकता है क्योंकि बीएसई के औसतन डेली टर्नओवर का करीब 70 फीसदी इन्हीं से आता है।

BSE Share Price: मार्केट से जुड़े रिस्क को लेकर बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बदलाव का जो प्रस्ताव पेश किया है, उसने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के शेयरों को करारा झटका दिया। इसकी वजह ये भी है वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने इस प्रस्ताव के चलते बीएसई के टारगेट प्राइस में करीब 14 फीसदी की कटौती कर दी है। इस कटौती के चलते शेयर धड़ाम से गिर गए और आज एनएसई पर यह 5.78 फीसदी की गिरावट के साथ 4,366.00 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 6.26 फीसदी की गिरावट के साथ 4,343.65 रुपये के भाव तक आ गया था।

SEBI ने क्या रखा है प्रस्ताव?

सेबी ने 24 फरवरी एक कंसल्टेशन पेपर में मार्केट रिस्क को मापने के लिए एक नए तरीके का प्रस्ताव पेश किया है। सेबी ने इक्विटी डेरिवेटिव में ओपन इंटरेस्ट (OI) के कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव का प्लान बनाया है। अभी ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के लिए नोशनल वैल्यू का इस्तेमाल होता है। सेबी की योजना इसकी जगह फ्यूचर्स इक्विवैलेंट या डेल्टा-बेस्ड ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का इस्तेमाल करने की है। ओआई किसी एसेट के मार्केट में डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्टस की कुल संख्या है। सेबी का मानना है कि इससे मैनिपुलेशन में गिरावट आएगी। इसके अलावा इंडेक्स डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए भी सेबी ने रिस्क-मैनेजमेंट में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। एक मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक इससे अब बड़ी पोजिशन रखने वाली बड़ी एंटिटीज की पोजिशन पर कम ओआई दिखने के मामले में तेज गिरावट आएगी। इससे कैश और डेरिवेटिव मार्केट में मैनिपुलेशन पर लगाम लगेगी और वोलैटिलिटी भी कम होगी।

BSE को लेकर Goldman का क्या कहना है?

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