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बिकवाली के चलते NSE500 में FII की होल्डिंग 18% के मल्टी-ईयर लो पर, जानिए 2023 में कैसा रह सकता है इनका रुख

2022 के नक्शेकदम पर ही 2023 में भी घरेलू निवेशक ही इंडियन इक्विटी मार्केट के सबसे बड़े सपोर्टर साबित होंगे। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज का अनुमान है कि 2023 में भारतीय इक्विटी मार्केट में प्रॉविडेंट फंड, पेंशन फंड, इश्योरेंस फंडों और SIPs के जरिए 20 अरब डॉलर का निवेश आएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 14, 2022 पर 12:11 PM
बिकवाली के चलते NSE500 में FII की होल्डिंग 18% के मल्टी-ईयर लो पर, जानिए 2023 में कैसा रह सकता है इनका रुख
बोफा सिक्योरिटीज का मानना है कि मजबूत एसेट क्वालिटी अच्छे अर्निंग आउटलुक के कारण फॉरेन ब्रोकरेज फाइनेंशियल सेक्टर में अपनी खरीदारी जारी रखेंगे

विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign institutional investors) ने अक्टूबर 2021 से अब तक भारतीय इक्विटी मार्केट में 28 अरब डॉलर की बिक्री की है। बता दें कि निफ्टी (Nifty) ने अक्टूबर 2021 में 18604 का अपना पिछला ऑलटाइम हाई छुआ था। बोफा ग्लोबल रिसर्च (BofA Global Research) के आंकड़ों के मुताबिक NSE 500 में FII की होल्डिंग इस समय 18 फीसदी से अपने मल्टी ईयर लो पर पहुंच गई है। 2019 में NSE 500 में FII की होल्डिंग 23 फीसदी पर रही थी। ब्रोकरेज ने कहा, 'अमेरिका में लंबी मंदी का मतलब यह हो सकता है कि FII की निकासी लंबे समय तक जारी रहेगी, हालांकि इनक्रीमेंटल आउटफ्लो सीमित है।'

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ( Bank of America Securities) में हेड ऑफ इंडिया इक्विटी रिसर्च अमीश शाह की राय है कि चाइना के कोविड-19 के बाद फिर से खुलने को भारत की तरफ आने वाला विदेशी पैसे का प्रवाह कम हो सकता है। एक मीडिया राउंडटेबल में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत और चीन उभरे बाजारों आने वाले विदेशी पैसे के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं करते लेकिन वे सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उभरे बाजारों के बास्केट में विदेशी पैसे के आने का मतलब है भारत में भी विदेशी पैसा आएगा।

घरेलू निवेशक ही इंडियन इक्विटी मार्केट के सबसे बड़े सपोर्टर साबित होंगे

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि 2022 के नक्शेकदम पर ही 2023 में भी घरेलू निवेशक ही इंडियन इक्विटी मार्केट के सबसे बड़े सपोर्टर साबित होंगे। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज का अनुमान है कि 2023 में भारतीय इक्विटी मार्केट में प्रॉविडेंट फंड, पेंशन फंड, इश्योरेंस फंडों और SIPs के जरिए 20 अरब डॉलर का निवेश आएगा। इसके चलते निफ्टी के वैल्यूएशन में और बढ़त देखने को मिल सकती है।

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