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IT शेयर इस साल अब तक 25% से ज्यादा टूटे, क्या अमेरिकी टैरिफ के बाद और खराब होने वाली है हालत?

जेफरीज ने कहा है कि भारत पर अमेरिका का 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ बहुत अधिक नुकसान कराने वाला नहीं होगा। लेकिन बड़ी चिंता अमेरिकी अर्थव्यवस्था का निगेटिव आउटलुक होगी, जो भारतीय आईटी सर्विसेज और अन्य निर्यातकों के लिए नकारात्मक होगी

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Apr 07, 2025 पर 6:06 PM
IT शेयर इस साल अब तक 25% से ज्यादा टूटे, क्या अमेरिकी टैरिफ के बाद और खराब होने वाली है हालत?
शेयर बाजार के दिग्गज अंबरीश बालिगा का मानना ​​है कि बाजार किसी भी दिशा में दांव लगाने से पहले कुछ समय लेगा।

इस साल की शुरुआत से अब तक Nifty IT इंडेक्स 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। आईटी शेयरों में बिकवाली से 7 अप्रैल को दिन में यह लगभग 8 प्रतिशत तक लुढ़का लेकिन फिर 2.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। एनालिस्ट्स को ग्लोबल ग्रोथ में कमी और अमेरिका में मांग में मंदी से और अधिक परेशानी पैदा होने का डर है। प्री-कोविड पीई मल्टीपल्स की तुलना में वैल्यूएशंस भी उच्च स्तर पर बनी हुई हैं।

गोल्डमैन सैक्स और यूबीएस जैसी ब्रोकरेज कंपनियों ने इंफोसिस, टीसीएस और एचसीएल टेक जैसी विभिन्न भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर के लिए टारगेट प्राइस कम कर दिया है।

जेपी मॉर्गन ने एक नोट जारी कर कहा है कि वह अभी स्टॉक खरीदने की सिफारिश नहीं करती है। साथ ही यह भी कहा कि कंपनियों की ओर से कंजर्वेटिव गाइडेंस कीमतों को नीचे ले जाएगा, जिससे एक अच्छा एंट्री पॉइंट मिलेगा।

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