आरबीआई ने अभी तक काफी सोच-समझकर कदम उठाए हैं और आगे भी वह विवेकपूर्ण तरीके से भारत की मौद्रिक नीति तय करता रहेगा। कैपिटल मार्केट का 15 सालों का अनुभव रखने वाले कुणाल भक्त ने नतीजों के मौसम पर बात करते हुए कहा कि सितंबर तिमाही के नतीजे मिले-जुले रहेंगे। 30 सितंबर को खत्म हुई तिमाही में कमोडिटी से जुड़ी कंपनियां का प्रदर्शन नरम रहने की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ कमोडिटी के यूजर जैसे पाइप और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियां अच्छा करती नजर आ सकती हैं। इसके अलावा ऑटो और ऑटो एंसिलरी कंपनियों का प्रदर्शन भी अच्छा रह सकता है। इनको कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और सेमी कंडक्टर की सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों के खत्म होने का फायदा मिलेगा।