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ग्रोथ में सुस्ती और महंगाई में बढ़त 2023 में भी बाजार के लिए बनी रहेगी सबसे बड़ी चुनौती

सर्वे में शामिल अधिकांश भागीदीरों ने अगले वर्ष चीन और ताइवान के साथ-साथ नाटो और रूस जैसे जियोपोलिटिकल संघर्षों के बढ़ने की संभावना को खारिज कर दिया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 28, 2022 पर 12:55 PM
ग्रोथ में सुस्ती और महंगाई में बढ़त 2023 में भी बाजार के लिए बनी रहेगी सबसे बड़ी चुनौती
सर्वे में शामिल 60 फीसदी भागीदारों का मानना है कि डॉलर के अब से एक महीने में और कमजोर होने की उम्मीद है

BLOOMBERG

हाल ही में किए गए एमएलआईवी प्लस सर्वे (MLIV Pulse survey) में शामिल 388 लोगों में से करीब आधे लोगों का कहना है कि अगले साल यानी 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी के लिए स्टैगफ्लेशन (stagflation) सबसे बड़ी चुनौती बनी रहेगी। बता दें कि स्टैगफ्लेशन उस स्थिति को कहते हैं जब इकोनॉमी में ग्रोथ धीमी पड़ती जाती और महंगाई बढ़ती जाती है। ब्लूमबर्ग (BLOOMBERG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सर्वे में शामिल अधिकांश लोगो का कहना था कि इस साल की भारी पिटाई के बाद बाजार में जल्द किसी बड़ी रैली की उम्मीद करना, समय से पहले उम्मीद लगाने जैसा है।

पूरी दुनिया में इक्विट निवेशक इक्विटी बाजार को लेकर काफी ज्यादा बुलिश

इस सर्वे से निकल कर आया है कि ग्लोबल इक्विटी मार्केट के लिए आगे एक और चुनौतीपूर्ण साल नजर आ रहा है। ब्याज दरों में बढ़त, बढ़ती महंगाई और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से ग्लोबल इक्विटी बाजार पहले से ही वित्तीय संकट के बाद के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। इक्विटी बाजार की इस धुंधली तस्वीर के बावजूद चौथी तिमाही में आई जोरदार रैली की पृष्ठभूमि में इस सर्वे में शामिल 60 फीसदी भागीदारों का कहना है कि पूरी दुनिया में इक्विट निवेशक इक्विटी बाजार को लेकर काफी ज्यादा बुलिश हैं।

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