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Vedanta Shares: सुस्त मार्केट में क्यों रॉकेट बना वेदांता? इस कारण 7% उछल गए शेयर

Vedanta Share Price: दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता के दम पर आज निफ्टी का मेटल इंडेक्स रॉकेट बन गया और निफ्टी मेटल एक फीसदी से अधिक उछल गया। वेदांता के शेयरों की बात करें तो घरेलू मार्केट में आज सुस्ती के माहौल में भी यह 7 फीसदी उछल गया। जानिए इस तेजी की वजह क्या है और आगे क्या रुझान है?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 06, 2024 पर 4:29 PM
Vedanta Shares: सुस्त मार्केट में क्यों रॉकेट बना वेदांता? इस कारण 7% उछल गए शेयर
Vedanta Shares: घरेलू मार्केट में आज सुस्ती के माहौल में मेटल शेयरों में खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा। निफ्टी के मेटल इंडेक्स एक फीसदी से अधिक उछल गया और इसे सबसे तगड़ा सपोर्ट वेदांता के शेयरों से मिला।

Vedanta Shares: घरेलू मार्केट में आज सुस्ती के माहौल में मेटल शेयरों में खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा। निफ्टी के मेटल इंडेक्स एक फीसदी से अधिक उछल गया और इसे सबसे तगड़ा सपोर्ट वेदांता के शेयरों से मिला जो इंट्रा-डे में 7 फीसदी उछल गया। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा तो उठाया लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। दिन के आखिरी में BSE पर यह 6.12 फीसदी के उछाल के साथ 501.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 7.04 फीसदी उछलकर 505.45 रुपये के भाव पर पहुंच गया था।

आखिर Vedenta के शेयर क्यों बने रॉकेट?

दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि बॉन्ड्स के बदले रखे गए शेयर अब फ्री कर दिए है। सब्सिडियरी कंपनियों ट्विन स्टार होल्डिंग्स, वेल्टर ट्रेडिंग लिमिटेड, वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस (वीएचएमएल), वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस II (वीएचएमएलआईआई) और वेदांता नीदरलैंड इन्वेस्टमेंट बीवी (वीएनआईबीवी) के जरिए इन इक्विटी शेयरों को रिलीज किया गया है। कंपनी की प्रेस रिलीज के मुताबिक 4 दिसंबर 2024 तक बॉन्ड के पूरे बकाया को चुकता कर दिया है।

सब्सिडियरी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज फाइनेंस II पीएलसी ने 13.875 फीसदी पर 120 करोड़ डॉलर के गारंटेड बॉन्ड जारी किए थे। इन्हें 2025 में मेच्योर होना था लेकिन फिर इसे वर्ष 2028 तक आगे खिसका दिया गया। वेदांता रिसोर्सेज और इनकी सब्सिडियरीज ट्विन स्टार होल्डिंग्स, वेल्टर ट्रेडिंग, वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस, वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस II और वेदांता नीदरलैंड्स इनवेस्टमेंट्स बीवी की गारंटी पर जारी इन बॉन्ड्स से जुड़े सभी शेयरों को छुड़ा लिया गया है। हालांकि कंपनी का यह भी कहना है कि बॉन्ड्स से जुड़े कंपनी के शेयरों को किसी भी प्रमोटर एंटिटीजज ने गिरवी नहीं रखा था, लेकिन बॉन्ड के बकाया होने तक उन्हें 50 फीसदी से अधिक इक्विटी पर नियंत्रण रखना जरूरी था और डिफॉल्ट जैसी विशेष स्थिति में ही उन्हें अपने एसेट्स को बेचने की मंजूरी मिलती।

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