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सरकार EPF, EPS की कंट्रिब्यूशन लिमिट 21000 रुपये कर सकती है, जानिए आप पर पड़ेगा क्या असर

अभी वेज सीलिंग लिमिट 15,000 रुपये है। इसे बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जा सकता है। इसका असर प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वेज सीलिंग लिमिट बढ़ाने से ईपीएस में कंट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा। इससे रिटायरमेंट के बाद एंप्लॉयी को मिलने वाली पेंशन बढ़ जाएगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 18, 2024 पर 5:37 PM
सरकार EPF, EPS की कंट्रिब्यूशन लिमिट 21000 रुपये कर सकती है, जानिए आप पर पड़ेगा क्या असर
अभी 15,000 रुपये का 8.33 फीसदी हर महीने एंप्लॉयी के पेंशन अकाउंट (ईपीएस) में जमा होता है।

सरकार ईपीएफ स्कीम में वेज सीलिंग लिमिट बढ़ा सकती है। अभी यह 15,000 रुपये है। इसे बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जा सकता है। इसका असर प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। सरकार ने आखिरी बार 2014 में वेज सीलिंग लिमिट बढ़ाई थी। तब इसे 65000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी। अगर सरकार वेज सीलिंग लिमिट बढ़ाती है तो रिटायरमेंट और पेंशन सेविंग्स में एंप्लॉयी और एंप्लॉयर का कंट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा।

हर महीने ईपीएस में कंट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा

एक्सपर्ट्स का कहना है कि वेज सीलिंग लिमिट (Wage Ceiling limit) बढ़ाने से ईपीएस (EPS) में कंट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा। इससे रिटायरमेंट के बाद एंप्लॉयी को मिलने वाली पेंशन बढ़ जाएगी। ईपीएफ में हर महीने एंप्लॉयी और एंप्लॉयर को बराबर अमाउंट का कंट्रिब्यूशन करना पड़ता है। एंप्लॉयी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा होता है। एंप्लॉयर भी बेसिक सैलरी के 12 फीसदी का कंट्रिब्यूशन करता है। इस 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी ईपीएस अकाउंट में जमा होता है। बाकी ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है।

15000 रुपये की वेज सीलिंग लिमिट पर कैलकुलेशन

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