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Income Tax Return: एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट ठीक से चेक नहीं करना बड़ी गलती, आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax Return: कई टैक्सपेयर्स फॉर्म 26 एएस और एआईएस में फर्क नहीं कर पारते हैं। फॉर्म 26एएस में टैक्सपेयर्स के टीडीएस और टीडीएस की जानकारी होती है। इसके अलावा हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की भी जानकारी होती है। इसके मुकाबले एआईएस में कई अतिरिक्त जानकारियां होती हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 21, 2025 पर 12:32 PM
Income Tax Return: एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट ठीक से चेक नहीं करना बड़ी गलती, आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस
एआईएस में टैक्सपेयर्स के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी होती है। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।

आपने अपना एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) चेक कर लिया है? अगर नहीं तो आपको इसे जल्द चेक कर लेना चाहिए। एआईएस ठीक से नहीं चेक करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। एआईएस में टैक्सपेयर्स के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी होती है। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

AIS का मतलब

Annual Information Statement (AIS) में सैलरी, सेविंग बैंक अकाउंट और फिक्स्ड अकाउंट से इंटरेस्ट इनकम, डिविडेंड, स्टॉक और म्यूचुअल फंड ट्रांजक्शंस, फॉरेन रेमिटेंस और हाई वैल्यू पर्चेज की जानकारी होती है। इनमें से कई जानकारियां Income Tax Return फाइल करने के लिए जरूरी है। टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म में इनके बारे में बताना पड़ता है। ये जानकारियां कई बार गलत होती हैं। अगर रिटर्न फाइल करने से पहले टैक्सपेयर्स ने इन जानकारियों को चेक नहीं किया है तो वह आईटीआर फॉर्म में गलत डेटा दे सकता है।

एआईएस के टो पार्ट्स

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