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म्यूचुअल फंड में अपने निवेश पर लोन लेना चाहते हैं? पहले ये बातें जान लेंगे तो फायदे में रहेंगे

अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर म्यूचुअल फंड में निवेश पर लोन लिया जा सकता है। इसमें इंटरेस्ट रेट क्रेडिट कार्ड या बैंकों के पर्सनल लोन के मुकाबले कम होता है। इनवेस्टर्स के फाइनेंशियल गोल पर भी किसी तरह का असर नहीं पड़ता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 14, 2024 पर 2:34 PM
म्यूचुअल फंड में अपने निवेश पर लोन लेना चाहते हैं? पहले ये बातें जान लेंगे तो फायदे में रहेंगे
म्यूचुअल फंड पर लोन लेना उसी तरह से है जैसे हम बैंक के पास अपने एसेट्स कौलेटरल के रूप में रखकर लोन लेते हैं।

अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप क्या करेंगे? ज्यादातर लोग पर्सनल लोन लेते हैं। आजकल क्रेडिट कार्ड पर पर्सनल लोन लेना बहुत आसान है। बैंक भी अपने ग्राहकों को पर्सनल लोन के ऑफर भेजते रहते हैं। इसमें ज्यादा पेपरवर्क नहीं होता है। ऐप या वेबसाइट पर बैंक लोन का अप्लिकेशन एप्रूव कर देता है। फिर, कुछ ही देर में पैसा आपके सेविंग अकाउंट में आ जाता है। लेकिन, पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है। इससे कई लोग पर्सनल लोन लेने से बचते हैं। ऐसे में म्यू्चुअल फंड्स में अपने निवेश पर लोन लेना अच्छा विकल्प हो सकता है।

पर्सनल लोन के मुकाबले कम इंटरेस्ट रेट

म्यूचुअल फंड पर लोन (Loan against Mutual Funds) लेना उसी तरह से है जैसे हम बैंक के पास अपने एसेट्स कौलेटरल के रूप में रखकर लोन लेते हैं। इसमें आपको अपने इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड्स के यूनिट्स बतौर कोलैटरल बैंक के पास रखना पड़ता है। बैंक तुरंत आपका लोन अप्लिकेशन एप्रूव कर देता है। खास बात यह है कि इस लोन का इंटरेस्ट रेट क्रेडिट कार्ड लोन या बैंक के पर्सनल लोन के मुकाबसे काफी कम होता है।

स्कीम के हिसाब से तय होता है लोन अमाउंट

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