चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है, जो तप, संयम और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। उनका शांत और तेजस्वी स्वरूप भक्तों को आत्मसंयम और धैर्य का संदेश देता है। मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करने से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास बढ़ता है और उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण उनका नाम 'ब्रह्मचारिणी' पड़ा। इस दिन भक्त सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा करते हैं।