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भारत में कार निर्माता कंपनी अपनी कारों का नाम कैसे रखते हैं? जानें पूरी डिटेल

क्या आपने कभी सोचा है कि कार निर्माता किसी नए मॉडल का नाम कैसे तय करते हैं? यह देखने में जितना Random लगता है, उतना होता नहीं है। आकर्षक हैचबैक से लेकर बेहतरीन एसयूवी तक, हर नाम को कई चरणों से गुजरना पड़ता है, जैसे विचार-विमर्श, सांस्कृतिक जांच, कानूनी मंजूरी और आखिर में टॉप मैनेजमेंट की मंजूरी।

Edited By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Sep 29, 2025 पर 6:17 PM
भारत में कार निर्माता कंपनी अपनी कारों का नाम कैसे रखते हैं? जानें पूरी डिटेल
भारत में कार निर्माता कंपनी अपनी कारों का नाम कैसे रखते हैं? जानें पूरी डिटेल

क्या आपने कभी सोचा है कि कार निर्माता किसी नए मॉडल का नाम कैसे तय करते हैं? यह देखने में जितना Random लगता है, उतना होता नहीं है। आकर्षक हैचबैक से लेकर बेहतरीन एसयूवी तक, हर नाम को कई चरणों से गुजरना पड़ता है – जैसे विचार-विमर्श, सांस्कृतिक जांच, कानूनी मंजूरी और आखिर में टॉप मैनेजमेंट की मंजूरी। भारत में, जहां कारे सिर्फ मशीन से कहीं बढ़कर होती हैं और अक्सर परिवार का हिस्सा होती हैं, वहां नाम का बहुत महत्व होता है।

नाम क्यों महत्वपूर्ण है?

नाम किसी भी कार की पहली पहचान होता है। यह इस बात का संकेत देता है कि ग्राहक इसे कैसे याद रखेंगे और मॉडल किस तरह की पर्सनालिटी को दिखाता है। भारत जैसे बाजार में, जहां लोग अभी भी कंपनी के वास्तविक बेज (Logo) की बजाय 'स्कॉर्पियो' या 'इनोवा' जैसे नामों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, सही नाम रखना बेहद जरूरी है।

टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के चीफ कमर्शियल ऑफिसर विवेक श्रीवत्स ने Moneycontrol को बताया कि नाम चुनने की शुरुआत हमेशा उत्पाद (product) से होती है। उन्होंने बताया, "कार का नाम रखने की प्रक्रिया उत्पाद की विशषताओं, उसकी पोजिशनिंग, पर्सनालिटी और उस ऑडियंस को समझने से शुरू होती है जिससे वह जुड़ना चाहती है। हम ऐसे नाम चुनते हैं जो सरल हों, याद रखने में आसान हों और जो वाहन के खासियत को दिखाए।

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