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Maharashtra Chunav 2024: चुनाव से पहले महाराष्ट्र के किसानों को तोहफा, 15% तक नमी वाली सोयाबीन की खरीद को मंजूरी

Maharashtra Election 2024: कांग्रेस ने 'महायुति' सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया है कि महाराष्ट्र ने केवल 3,888 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा है। जबकि तेलंगाना ने लगभग 25,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की है। कांग्रेस ने कहा कि सोयाबीन के लिए महाराष्ट्र की खरीद अवधि दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे कम है और यह महज 15 दिन में समाप्त हो जाएगी

Akhileshअपडेटेड Nov 17, 2024 पर 5:36 PM
Maharashtra Chunav 2024: चुनाव से पहले महाराष्ट्र के किसानों को तोहफा, 15% तक नमी वाली सोयाबीन की खरीद को मंजूरी
Maharashtra Election 2024: सोयाबीन की कीमतें महाराष्ट्र के कई विधानसभा क्षत्रों को प्रभावित करेंगी

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: विधानसभा चुनाव के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों को तोहफा देते हुए सोयाबीन खरीद के नियमों में ढील दी है। केंद्र ने एक बयान जारी कर कहा है कि महाराष्ट्र के किसानों को सोयाबीन में नमी होने पर भी एमएसपी (MSP) मिलेगी। इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद आदेश जारी कर दिया गया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र ने राज्य के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों के किसानों को खुश करने के लिए 15 प्रतिशत तक नमी वाली सोयाबीन की फसल की खरीद की अनुमति दे दी है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतों और इस फसल की खेती करने वालों के सामने आने वाली परेशानियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का मुख्य विषय बन गया है। यह मुद्दा ठीक उसी तरह चर्चा में है जैसे प्याज की कीमतों ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मुश्किल में डाला था। इस बार सोयाबीन की कीमतें 70 से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए तैयार हैं। मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली इस फसल के लिए गिरते भाव ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ दिया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसान भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण हताश और निराश हैं। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) की सरकार बनने के बाद उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

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