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Maharashtra Election: महाराष्ट्र में राष्ट्रीय समाज पार्टी अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, 'महायुति' से तोड़ा नाता

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) के मुखिया महादेव जानकर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले NDA से हाथ मिलाया। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल है

Akhileshअपडेटेड Oct 16, 2024 पर 6:05 PM
Maharashtra Election: महाराष्ट्र में राष्ट्रीय समाज पार्टी अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, 'महायुति' से तोड़ा नाता
Maharashtra Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले महादेव जानकर ने NDA से हाथ मिलाया (फाइल फोटो: ANI)

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) ने सत्तारूढ़ 'महायुति' गठबंधन से अपने संबंध तोड़ लिए हैं। आरएसपी प्रमुख महादेव जानकर ने बुधवार (16 अक्टूबर) को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की घोषणा की। महादेव जानकर मराठवाड़ा क्षेत्र की परभणी लोकसभा सीट से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली 'महायुति' के उम्मीदवार थे। जानकर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए से हाथ मिलाया था। बता दें कि 'महायुत‍ि' में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान चल ही रही है। इसी बीच RSP नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री महादेव जानकर ने ऐलान कर दिया कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगे।

धनगर समुदाय से आने वाले जानकर ने 2003 में आरएसपी की स्थापना की थी। 2009 में माधा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। फिर 2014 में उन्होंने बारामती लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले का सामना किया, लेकिन वहां भी हार गए। हालांकि, इसके बावजूद उन्हें देवेंद्र फडणवीस सरकार के दौरान एमएलसी बनाया गया और बाद में पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया।

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी पार्टी में ज्यादातर सीटें तय हो चुकी हैं। अभी बहुत कुछ बचा नहीं है। हमारे पास अपनी सीटें हैं, एकनाथ जी के पास अपनी सीटें हैं और अजित दादा के पास अपनी सीटें हैं। सबसे पहले, हमें उन सीटों पर फैसला लेना होगा। बाद में हमें बाकी सीटों पर फैसला लेना होगा।

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