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गुजरात में स्टेनलेस स्टील बनाने वाली 35% MSMEs हो गईं बंद, चीन से सस्ते इंपोर्ट की मार: ISSDA प्रेसिडेंट

भारतीय स्टेनलेस स्टील कंपनियों को चीन से सस्ते माल के भारी आयात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते पिछले साल जुलाई-सितंबर के बीच गुजरात में करीब 30 से 35 प्रतिशत मझोले और छोटे बिजनेस बंद हो गए। इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (ISSDA) के प्रेसिडेंट, राजमणि कृष्णमूर्ति ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 05, 2024 पर 1:56 PM
गुजरात में स्टेनलेस स्टील बनाने वाली 35% MSMEs हो गईं बंद, चीन से सस्ते इंपोर्ट की मार: ISSDA प्रेसिडेंट
2023 में, स्टेनलेस स्टील की खपत लगभग 6 से 7 प्रतिशत बढ़ी

भारतीय स्टेनलेस स्टील कंपनियों को चीन से सस्ते माल के भारी आयात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते पिछले साल जुलाई-सितंबर के बीच गुजरात में करीब 30 से 35 प्रतिशत मझोले और छोटे बिजनेस बंद हो गए। इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (ISSDA) के प्रेसिडेंट, राजमणि कृष्णमूर्ति ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं। स्टेनलेस स्टीक के मामले में देश की करीब 80 फीसदी एमएसएमई (MSMEs) गुजरात में हैं। कई अन्य MSME ने कारोबार में बने रहने के लिए अपनी उत्पादन क्षमताओं में कटौती की है।

सस्ते चीनी आयात के चलते भारतीय स्टेनलेस स्टील कंपनियों के मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है। इसके चलते इंडस्ट्री ने पिछले साल एक याचिका दायर कर सरकार से चीन के स्टेनलेस उत्पादों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) लगाने की अपील किया था। स्टील इंपोर्ट पर साल 2021 तक ड्यूटी लगता था, लेकिन 2021 में मोदी सरकार ने इसे हटा दिया। तब से, अधिकतर MSME छोटे पैमाने पर काम कर रहे हैं, जबकि बाकी व्यापारी बन गए हैं।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि अहमदाबाद में 80 इंडक्शन फर्नेस कंपनियों में से 20 ने कारोबार बंद कर दिया है। वहीं 100 से अधिक री-रोलर्स (बर्तन जैसी विभिन्न वस्तुएं बनाने वाले) सस्ते आयात के कारण बंद हो गए हैं। पेश हैं इंटरव्यू के चुनिंदा अंश-

स्टेनलेस स्टील सेक्टर का 2023 में कैसा प्रदर्शन रहा?

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