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अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से किया इनकार

अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की धारावी पुनर्विकास परियोजना पर शुक्रवार 7 मार्च को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि ग्रुप के सामने कुछ शर्तें जरूर रखी है। कोर्ट ने कहा कि अदाणी ग्रुप को दिया गया प्रोजेक्ट "अदालती आदेशों के अधीन" है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशेल्स की सेकलिंक ग्रुप (SecLink Group) की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 07, 2025 पर 2:17 PM
अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से किया इनकार
अदाणी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि धारावी पुनर्विकास का काम पहले ही शुरू हो चुका है

अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की धारावी पुनर्विकास परियोजना पर शुक्रवार 7 मार्च को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि ग्रुप के सामने कुछ शर्तें जरूर रखी है। कोर्ट ने कहा कि अदाणी ग्रुप को दिया गया प्रोजेक्ट "अदालती आदेशों के अधीन" है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशेल्स की सेकलिंक ग्रुप (SecLink Group) की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। सेकलिंक ग्रुप ने धारावी पुनर्विकास परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट अदाणी ग्रुप को दिए जाने की प्रक्रिया में कथित "घोटाले" का आरोप लगाया था। ग्रुप का दावा है कि अदाणी ग्रुप को यह ठेका देने के लिए शर्तों में बदलाव किया गया।

याचिका में दावा किया गया था कि टेंडर की शर्तों को अदानी ग्रुप की कंपनी अदाणी प्रॉपर्टीज के पक्ष में बदल दिया गया था। सेकलिंक ने दावा किया कि अदाणी प्रॉपर्टीज की बोली 5,069 करोड़ रुपये की थी, जबकि सेकलिंक की बोली 7,200 करोड़ रुपये थी और वह बोली को आगे बढ़ाकर 8,640 करोड़ रुपये करने को तैयार थी, फिर भी उसे ठेके से बाहर कर दिया गया।

चूंकि सेंकलिंक ने 2018 में काफी बड़ी राशि के साथ सबसे ऊंची बोली लगाई थी। ऐसे में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा कि क्या राज्य सरकार, टेंडर को रद्द करने की हकदार है और क्या सेकलिंक को बाहर करने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया था।

अदाणी ग्रुप का पक्ष

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