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बजट 2023: वित्त मंत्री इस बार लगाएंगी किसानों की किस्मत चमकाने का चौका, या चूक जाएंगी मौका

जानिए किन 4 छोटे-छोटे कदमों से भारत सरकार FPO/FPC को भारतीय कृषि सुधारों का माध्यम बनाने की अपनी योजना को पूरी कर सकती है। सिर्फ 10,000 FPO बनने से वास्तविक बदलाव नहीं आएगा. इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण FPO मॉडल को मजबूत बनाने के लिए कई घोषणाएं कर सकती हैं

Bhuwan Bhaskarअपडेटेड Dec 13, 2022 पर 1:47 PM
बजट 2023: वित्त मंत्री इस बार लगाएंगी किसानों की किस्मत चमकाने का चौका, या चूक जाएंगी मौका
बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण FPO मॉडल को मजबूत बनाने के लिए कई घोषणाएं कर सकती हैं

भारत सरकार देश में खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी को भी बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों, यानी FPO को बढ़ावा देने का फैसला किया है। FPO की शुरुआत भले ही 2003 में कंपनी एक्ट में संशोधन के साथ हुई हो, लेकिन इन पर विशेष जोर 2015 के बाद दिया गया। केंद्र सरकार की ओर से इस मॉडल को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए गए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 10,000 नए FPO का गठन है, जिसकी घोषणा  फरवरी 2021 में हुई थी। यह लक्ष्य अगले पांच साल में पूरा किया जाना है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 को इन नए FPO के गठन के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद से FPO के गठन की गति बढ़ी है। UPA सरकार के 10 वर्षों में नाम मात्र के ही FPO बने और यह सिलसिला 2015 के बाद ही तेज हुआ। अब तक मौजूद कुल FPO का 65% सिर्फ वर्ष 2019-21 के बीच खड़े हुए हैं। लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। सरकार चाहे FPO की सफलता या नए FPO की संख्या को लेकर कितना भी ढोल पीट ले, सच यह है कि FPO मॉडल भारतीय कृषि और किसानों के लिए एक शानदार अवसर पेश करने के बावजूद अब तक सफल साबित नहीं हुए हैं। कागज पर हजारों FPO होने के बावजूद वास्तव में जमीन पर किसानों की जिंदगियों में सार्थक और सकारात्मक बदलाव लाने वाले इन संगठनों की संख्या उंगलियों पर गिने जा सकने लायक है।

इसका कारण यह है कि FPO मॉडल के विकास और क्रियान्वयन की जो भी राह है, उसमें कुछ बुनियादी कमियां हैं। इन कमियों को जब तक दूर नहीं किया जाएगा, तब तक देश में FPO मॉडल की अधिकतम संभावनाओं को कभी हासिल नहीं किया जा सकता। अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय आम बजट 2023-24 की तैयारियों में लग चुकी हैं, यह सही अवसर है जब इन बुनियादी कमियों की बात की जाए, और सरकार से उम्मीद की जाए कि आगामी बजट प्रस्तावों में इन कमियों को दूर किया जाएगाः

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