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Union Budget 2024 : अंतरिम बजट की शुरुआत कब हुई थी, क्या है इसका इतिहास?

अंतरिम बजट का मतलब ऐसे बजट से है, जिसमें सरकार वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए अपने अनुमानित खर्च के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है। अंतरिम बजट केंद्र सरकार उस वर्ष पेश करती है, जिस साल आम चुनान यानी लोकसभा के चुनाव तय होते हैं। चूंकि, अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 13, 2023 पर 1:47 PM
Union Budget 2024 : अंतरिम बजट की शुरुआत कब हुई थी, क्या है इसका इतिहास?
Budget 2024: वित्त वर्ष 2015-16 का बजट भी खास है। यह इसलिए खास है क्योंकि इसे शनिवार को पेश किया गया था। इस बजट से स्टॉक मार्केट को भी शनिवार को खुला रखने का फैसला किया गया था।

आपने कई बार 'अंतरिम बजट' (Interim Budget) शब्द सुना होगा। क्या आप इसका इतिहास जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई थी? दरअसल, 1 फरवरी, 2024 को जो बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी वह अंतरिम बजट होगा। अंतरिम बजट का मतलब ऐसे बजट से है, जिसमें सरकार वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए अपने अनुमानित खर्च के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है। अंतरिम बजट केंद्र सरकार उस वर्ष पेश करती है, जिस साल आम चुनान यानी लोकसभा के चुनाव तय होते हैं। चूंकि, अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इससे पहले 2019 में लोकसभा चुनाव हुए थे। हर पांच साल पर लोकसभा के चुनाव होते हैं। 2019 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह अंतरिम बजट पेश किया था। तब जेटली इलाज के लिए विदेश गए थे।

आरके शणमुगम चेट्टी ने पहली बार किया इस्तेमाल

पूर्व वित्त मंत्री आरके शणमुगम चेट्टी ने पहली बार अंतरिम बजट शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने आजादी के बाद देश का दूसरा बजट पेश करते हुए अंतरिम बजट शब्द का इस्तेमाल किया था। उसके बाद से यह शब्द चलन में आ गया। फिर, हर आम चुनाव वाले साल में सरकार अपने कुछ महीनों के खर्च पर संसद की मंजूरी हासिल करने के लिए जो बजट पेश करती है, उसे अंतरिम बजट कहा जाने लगा। आम तौर पर यह माना जाता है कि अंतरिम बजट पेश करने वाली सरकार का भविष्य तय नहीं होता है, जिससे इसमें बड़े ऐलान नहीं किए जाते हैं। यह माना जाता है कि आम चुनाव के बाद जो नई सरकार बनेगी वह बाद में पूर्ण बजट पेश करेगी। उसमें वह अपनी पॉलिसी और फैसलों के हिसाब से बड़े ऐलान करेगी।

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