डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (डीओटी) के एक प्रस्ताव ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को चिंता में डाल दिया है। डीओटी ने टेलीकॉम कंपनियों से पूछा है कि वे 'नॉन-ट्रस्टेड सोर्सेज' या हुवेई और जेडटीई जैसे चीन के वेंडर्स से खरीदे गए नेटवर्क इक्विपमेंट और सॉफ्टवेयर का कितना इस्तेमाल कर रही हैं। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की दलील है कि यह पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि पिछले तीन दशकों में इन कंपनियों में कई दूसरी कंपनियों का विलय हुआ है या इन कंपनियों ने दूसरी कंपनियों का अधिग्रहण किया है। कई रिमाइंडर के बाद भी दोनों कंपनियों ने डीओटी को इस बारे में जानकारी नहीं दी है।
