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बिक जाएगी Wadia Group की विमान कंपनी? Go First पर इतनी है देनदारियां

वित्तीय बोझ से दबी गो फर्स्ट (Go First) के संपत्तियों की बिक्री से जुड़ा एक प्रस्ताव आने वाला है। नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) की एयरलाइन कंपनी के लेंडर्स इसी हफ्ते एक प्रस्ताव पर वोटिंग करने वाले हैं जिसमें इसे लिक्विडेट करने की बात है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। गोफर्स्ट ने कर्ज चुकाने की कई डेडलाइन मिस कर दी है तो ऐसे में लेंडर्स इसे लिक्विडिट करने पर विचार कर रहे हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 06, 2023 पर 4:58 PM
बिक जाएगी Wadia Group की विमान कंपनी? Go First पर इतनी है देनदारियां
वाडिया ग्रुप की विमानन कंपनी Go First ने 2 मई 2023 को उड़ान बंद कर दी थी और आठ दिन बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इसकी स्वैच्छिक दिवालिया याचिका को मंजूर कर लिया था।

वित्तीय बोझ से दबी गो फर्स्ट (Go First) के संपत्तियों की बिक्री से जुड़ा एक प्रस्ताव आने वाला है। नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) की एयरलाइन कंपनी के लेंडर्स इसी हफ्ते एक प्रस्ताव पर वोटिंग करने वाले हैं जिसमें इसे लिक्विडेट करने की बात है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। गोफर्स्ट ने कर्ज चुकाने की कई डेडलाइन मिस कर दी है तो ऐसे में लेंडर्स इसे लिक्विडिट करने पर विचार कर रहे हैं। लिक्विडेट का मतलब कर्ज चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री है। गो फर्स्ट के मामले में इससे जुड़े प्रस्ताव पर बैंकर्स और एयरलाइन के अधिकारी वोट करेंगे। एक बैंकर ने बताया कि इसके लिक्विडेशन में अब बहुत देरी नहीं होगी क्योंकि रिजॉल्यूशन को सबमिट करने की डेडलाइन बढ़ाने के रिजॉल्यूशन को मंजूरी मिल चुकी है यानी कि अब रिजॉल्यूशन प्लान दाखिल करने के लिए एक्स्ट्रा समय नहीं मिलेगा।

देनदारियां कितनी हैं

विमानन कंपनी गो फर्स्ट पर बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, ड्यूश बैंक और IDBI बैंक जैसे लेंडर्स का 6521 करोड़ रुपये बकाया है। सबसे अधिक एक्सपोजर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का है जो 1987 करोड़ रुपये का है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का 1430 करोड़ रुपये, ड्यूश बैंक का 1320 करोड़ रुपये और IDBI बैंक का 58 करोड़ रुपये बकाया है। बैंकों के अलावा एयरलाइन पर कई पट्टेदारों का करीब 2000 करोड़ रुपये, वेंडर्स का करीब 1000 करोड़ रुपये, ट्रैवल एजेंटों का करीब 600 करोड़ रुपये और लंबित रिफंड वाले ग्राहकों का 500 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा गो फर्स्ट ने कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई केंद्र की इमरजेंसी क्रेडिट स्कीम के तहत 1,292 करोड़ रुपये का उधार भी लिया था। कुल मिलाकर इस पर करीब 11,000 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं।

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