वित्तीय बोझ से दबी गो फर्स्ट (Go First) के संपत्तियों की बिक्री से जुड़ा एक प्रस्ताव आने वाला है। नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) की एयरलाइन कंपनी के लेंडर्स इसी हफ्ते एक प्रस्ताव पर वोटिंग करने वाले हैं जिसमें इसे लिक्विडेट करने की बात है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। गोफर्स्ट ने कर्ज चुकाने की कई डेडलाइन मिस कर दी है तो ऐसे में लेंडर्स इसे लिक्विडिट करने पर विचार कर रहे हैं। लिक्विडेट का मतलब कर्ज चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री है। गो फर्स्ट के मामले में इससे जुड़े प्रस्ताव पर बैंकर्स और एयरलाइन के अधिकारी वोट करेंगे। एक बैंकर ने बताया कि इसके लिक्विडेशन में अब बहुत देरी नहीं होगी क्योंकि रिजॉल्यूशन को सबमिट करने की डेडलाइन बढ़ाने के रिजॉल्यूशन को मंजूरी मिल चुकी है यानी कि अब रिजॉल्यूशन प्लान दाखिल करने के लिए एक्स्ट्रा समय नहीं मिलेगा।