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RBI ने दूसरे बैंकों के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की जांच शुरू की, जानिए क्या है पूरा मामला

RBI: आरबीआई की इस कवायद के दो मकसद हैं। पहला, आरबीआई यह जानना चाहता है कि क्या दूसरे बैंक भी डेरिवेटिव ट्रेड से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरा, केंद्रीय बैंक यह भी देखना चाहता है कि बैंक ट्रेजरी से जुड़े ऑपरेशन में इनटर्नल कंप्लायंस का पालन कर रहे हैं या नहीं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 12, 2025 पर 3:15 PM
RBI ने दूसरे बैंकों के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की जांच शुरू की, जानिए क्या है पूरा मामला
10 मार्च को इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि इनटर्नल रिव्यू में उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज का पता चला है, जिससे बैंक के नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी का असर पड़ सकता है।

आरबीआई ने इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर आने के बाद बड़ा फैसला लिया है। उसने सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के बैंकों की डेरिवेटिव बुक्स का रिव्यू शुरू कर दिया है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। केंद्रीय बैंक बैंकों के हेजिंग पोजीशन की जांच कर रहा है। वह डेरिवेटिव्स ट्रेड से जुड़े ट्रांजेक्शन की भी जांच कर रहा है। एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि आरबीआई ने बैंकों से संपर्क किया है। इसका मकसद बैंकों की हेजिंग पोजीशन की जांच करना है।

आरबीआई की जांच के दो मकसद

इस बारे में मनीकंट्रोल की तरफ से पूछे गए सवालों के जबाव अभी RBI ने नहीं दिए हैं। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि आरबीआई की इस कवायद के दो मकसद हैं। पहला, आरबीआई यह जानना चाहता है कि क्या दूसरे बैंक भी डेरिवेटिव ट्रेड से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरा, केंद्रीय बैंक यह भी देखना चाहता है कि बैंक ट्रेजरी से जुड़े ऑपरेशन में इनटर्नल कंप्लायंस का पालन कर रहे हैं या नहीं।

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