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Russia-Ukraine crisis: अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध का ऐलान किया, जानिए किन भारतीय कंपनियों पर हो सकता है सबसे ज्यादा असर

HAL का रूस की कंपनियों के साथ 2 ज्वाइंट वेंचर है। ये ज्वाइंट वेंचर एयरोस्पेस और एविएशन के क्षेत्र में है। वहीं, BDL ने Almaz Antey के साथ भारत में Tunguska, Kavadrat,OSA-AKA और Pechora air जैसी एयर डिफेंस मिसाइस सिस्टम बनाने के लिए JVs की संभावनाएं तलाशने के लिए करार कर रखा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 22, 2022 पर 1:01 PM
Russia-Ukraine crisis: अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध का ऐलान किया, जानिए किन भारतीय कंपनियों पर हो सकता है सबसे ज्यादा असर
ONGC Videsh का Sakhalin-I प्रोजेक्ट में बड़ा निवेश है। इसी तरह ONGC का Rosneft के साथ करार है.

रूस और यूक्रेन के तनाव का भारतीय कंपनियों पर कैसा असर होगा और रूस में किन कंपनियों कितना एक्सपोजर है आइए जानते हैं। रूस-यूक्रेन संकट के भारत पर असर की बात करें तो तनाव बढ़ने से कच्चे तेल में उबाल आया है और आगे इसमें और तेजी आ सकती है। कच्चे तेल का भाव और बढ़ा तो मुश्किल होगी। भारत रूस को बड़ा एक्सपोर्ट करता है। इसमें फार्मा, मशीनरी, चाय, कॉफी का एक्सपोर्ट शामिल है। भारत से रूस को मसाले, तंबाकू और ड्राई फ्रूट्स का भी एक्सपोर्ट होता है।

रूस में भारतीय फार्मा कंपनियों का बड़ा एक्सपोजर है। Dr Reddy की बिक्री का 8-10% हिस्सा रूस से आता है। Nise, Omez, Nasivin, Cetrine, Ibuclin रूस में बिकने वाले 200 बेस्ट सेलिंग फार्मा प्रोडक्ट में आते हैं। रूस से Glenmark की बिक्री का 9-10%,Cadila का 10-11% और Sun Pharma की बिक्री का 10-13% हिस्सा आता है।

इसके अलावा तेल-गैस और डिफेंस से जुड़ी तमाम कंपनियों का रूस में बड़ा एक्सपोजर है। ONGC Videsh का Sakhalin-I प्रोजेक्ट में बड़ा निवेश है। इसी तरह ONGC का Rosneft के साथ करार है।

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