Get App

स्टार्टअप के एंप्लॉयीज वित्त मंत्री के ऐलान से परेशान, इतना बढ़ गया टैक्स का बोझ

Budget 2024 Announcements: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई को पेश कर दिया। इसमें उन्होंने एक ऐसा ऐलान किया, जिसने स्टार्टअप के लॉयल एंप्लॉयीज को तगड़ा झटका दिया है। जहां पहले एंप्लॉयीज को जीरो टैक्स देना होता था, अब उन्हें टैक्स भरना होगा और हाई टैक्स रेट पर। समझें पूरा मामला

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 24, 2024 पर 4:50 PM
स्टार्टअप के एंप्लॉयीज वित्त मंत्री के ऐलान से परेशान, इतना बढ़ गया टैक्स का बोझ
अभी भारत में ESOPs पर दो बार टैक्स लगाया जाता है। एक बार तब, जब एंप्लॉयी को ये शेयर विकल्प के तौर पर मिलते हैं और दूसरी बार तब, जब बायबैक के जरिए इसकी बिक्री होती है।

Budget 2024 Announcements: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई को पेश कर दिया। इसमें उन्होंने एक ऐसा ऐलान किया, जिसने स्टार्टअप के लॉयल एंप्लॉयीज को तगड़ा झटका दिया है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि कंपनियां जो शेयर बायबैक करेंगी, 1 अक्टूबर से उसे डिविडेंड इनकम के तौर पर माना जाएगा। वित्त मंत्री के इस ऐलान के चलते एंप्लॉयीज अगर बायबैक के जरिए एंप्लॉयीज स्टॉक ऑप्शन (ESOP) को चुनते हैं तो उन पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। इसका एंप्लॉयीज को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि आमतौर पर इसका फायदा उन्हें मिलता है जो स्टार्टअप के शुरुआती दिनों से साथ में होते हैं और अब हायर मैनेजमेंट पोजिशन में पहुंच जाते हैं तो वे टैक्स के हाई स्लैब में आते हैं।

पहले और अब में क्या हुआ बदलाव?

टैक्स सर्विसेज मुहैया कराने वाली बीडीओ इंडिया के पार्टनर अनीश शाह का कहना है कि पहले और अब में बदलाव ये हुआ है कि पहले ESOP में टैक्स देनदारी कंपनियों पर बनती थी लेकिन अब यह देनदारी एंप्लॉयीज पर आ गई। ऐसा इसलिए क्योंकि अब बायबैक को डिविडेंड के तौर पर लिया जाएगा और डिविडेंड पर एंप्लॉयीज के स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देनदारी बनती है। पहले कंपनी को इस पर 20 फीसदी के फ्लैट रेट (सरचार्ज और सेस अतिरिक्त) की दर से टैक्स देना होता था। पहले ESOP चुनने पर एंप्लॉयीज पर जीरो टैक्स देनदारी बनती थी लेकिन अब उनके इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से देनदारी बनेगी।

उदाहरण से समझें कि कितना बढ़ा टैक्स का बोझ

सब समाचार

+ और भी पढ़ें